देहरादून: बारिश और मलबा बने आफत... जगह-जगह हाईवे बंद

देहरादून: बारिश और मलबा बने आफत... जगह-जगह हाईवे बंद

देहरादून, अमृत विचार। प्रदेश में बारिश और भूस्खलन ने आम जनता का जीना मुहाल कर दिया है। प्रदेश कुछ जिलों में मौसम विभाग ने आज भी येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं नदियों, गधेरों में पानी का वेग लोगों को डरा रहा है।  राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं तो वहीं अब तक 324 मार्ग बंद पूरी तरह बंद हैं जिन्हें खोले जाने में खासी मशक्क्त का सामना करना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि चमोली में बदरीनाथ हाईवे का वैकल्पिक मार्ग नंदप्रयाग सेकोट कोठियालसेन सड़क भूस्खलन से बंद हो गई है। जबकि बदरीनाथ हाईवे भी पार्थाडिप में सुबह से ही बंद पड़ा हुआ है। थराली चेपड़ों के पास थराली देवाल मोटर मार्ग पर भूस्खलन से चीड़ के दो बडे पेड़ सड़क पर आए। जिससे सड़क 12 घंटे से बंद है। लोनिवि की जेसीबी मशीन से पेड़ नहीं हट पा रही। वहीं कर्णप्रयाग के पास चटवापीपल में बदरीनाथ हाइवे बंद है। यहां कई यात्री वाहन फंसे हैं।

उधर, यमुनोत्री हाईवे मलबा बोल्डर पत्थरों के आने से व कटाव के चलते जगह-जगह हाईवे बंद हैं, जिसके कारण जगह-जगह श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोग हाईवे खुलने की इंतजारी में घंटों से खड़े हैं। यमुनोत्री हाईवे राडी के निकट बंद होने से यमुना घाटी का जिला मुख्यालय से सम्पर्क कटा हुआ है।

वहीं उत्तरकाशी में पिछले तीन-चार दिनों से रूक-रूककर जारी बारिश के चलते तापमान गिरने से ठंड ने करीब एक माह पूर्व ही दस्तक दे दी है। मौसम विभाग के अनुसार जनपद में आज भी मध्यम बारिश होने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 21 और अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस है।भूस्खलन से मसूरी लंढौर- टिहरी मार्ग वुडस्टॉक स्कूल के निकट बंद है। प्रदेश के  कुमाऊं के कुछ जिलों में मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से बारिश का अलर्ट जारी किया गया।

बारिश और मलबा आने से राज्य में 324 मार्ग बंद हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, सबसे अधिक 57 मार्ग पौड़ी जिले में बंद हैं। नैनीताल में 56, चमोली में 50, पिथौरागढ़ में 42, चंपावत में 39, अल्मोड़ा, टिहरी और रुद्रप्रयाग में 17-17, देहरादून में 13, बागेश्वर में नौ, उत्तरकाशी में पांच, ऊधमसिंह नगर दो सड़कें बंद है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक, कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे मार्ग खोलने में समस्या आ रही है। कई जगह मार्ग खोला गया, पर बाद में भूस्खलन से फिर बंद हो चुके हैं। वहीं, टिहरी बांध का जल स्तर 827.32 मीटर पर पहुंच (बांध का अधिकतम जल स्तर-830 मीटर है) गया है।