CPM नेता सीताराम येचुरी का निधन, 72 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस...लंबे समय से चल रहे थे बीमार
नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी का बृहस्पतिवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। अस्पताल और पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। येचुरी 72 वर्ष के थे। उनकी हालत पिछले कुछ दिन से गंभीर बनी हुई थी और उन्हें कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया था।
सूत्रों के अनुसार येचुरी का निधन अपराह्न तीन बजकर पांच मिनट पर हुआ। माकपा ने मंगलवार को एक बयान में बताया था कि येचुरी को यहां एम्स में कृत्रिम श्वसन प्रणाली पर रखा गया है। इसमें बताया गया था कि उनका श्वसन नली संक्रमण का उपचार किया जा रहा है। येचुरी को सीने में निमोनिया जैसे संक्रमण के उपचार के लिए 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।
सूत्रों ने बताया कि उनकी हालत गंभीर थी और उन्हें ‘ऑक्सीजन सपोर्ट’ पर रखा गया था। सूत्रों ने बताया कि उनके फेफड़ों में फंगल संक्रमण था। राजनीति में उनका सफर ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) से शुरू हुआ था। वह 1984 में माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य बने थे जबकि 1992 में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए।
वह 2005 से 2017 तक 12 वर्ष तक राज्यसभा सदस्य रहे। वह 19 अप्रैल 2015 को विशाखापत्तनम में पार्टी के 21वें अधिवेशन में माकपा के पांचवें महासचिव बने और उन्होंने प्रकाश करात से उस समय पदभार संभाला था। उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के राजनीतिक मार्गदर्शकों से एक माना जाता था।
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