साइबर सुरक्षा की चुनौती

साइबर सुरक्षा की चुनौती

हर देश अब डिजिटल क्षेत्र पर निर्भर है। डिजिटलीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति और डिजिटल दुनिया पर अत्यधिक निर्भरता के परिणामस्वरूप साइबर खतरे बढ़ गए हैं। ऐसे में साइबर सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने में भारत अकेला नहीं है, साइबर खतरे एक विश्वव्यापी और राष्ट्रीय चिंता का विषय है जो सीमाओं से परे है। साथ ही साइबर सुरक्षा केवल डिजिटल दुनिया तक ही सीमित नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अहम पहलू है।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट उपयोगकर्ता देश है। देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 95 करोड़ से अधिक है। आज देश की 2,13,000 पंचायत इंटरनेट से जुड़ी हैं। साइबर स्पेस का दुरुपयोग कोई नई बात नहीं है और विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध अक्सर देखे जाते हैं जिनमें मैलवेयर हमले, फिशिंग, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमले, डेटा चोरी, ऑनलाइन आर्थिक धोखाधड़ी, बाल पोर्नोग्राफी आदि शामिल हैं। बढ़ते साइबर खतरों का जवाब देने के लिए संगठनों के पास प्रभावी साइबर सुरक्षा नीतियां होनी चाहिए।

साइबर हमले काफी नुकसान पहुंचाते हैं और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को जोखिम में डालते हैं। भारत की अपर्याप्त साइबर सुरक्षा अवसंरचना, नीतियां और जागरूकता के कारण हैकर्स के लिए सिस्टम की खामियों और कमजोरियों का फायदा उठाना आसान हो जाता है। तंत्र को सभी प्रकार के साइबर खतरों के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम बनाने के लिए एक व्यापक साइबर सुरक्षा नीति की आवश्यकता है। 

गौरतलब है कि साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है और नरेंद्र मोदी सरकार इसे मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के पहले स्थापना दिवस समारोह में कहा कि साइबर सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना देश की प्रगति संभव नहीं है। 2015 में केंद्र की स्थापना कानून प्रवर्तन एजेंसियों को साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए की गई थी।

ऐसे समय में जब देश में प्रौद्योगिकी को जमीनी स्तर तक ले जाया जा रहा है और अगर साइबर सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो यह देश के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें सटीक तरीके से रणनीति बनाकर और उस पर एक साथ, एक ही दिशा में आगे बढ़ना होगा। साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 और आई4सी के अन्य प्लेटफॉर्म्स के बारे में जागरूकता फैलाने से इसकी उपयोगिता बढ़ेगी और अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। साइबर सुरक्षित भारत बनाने के लिए सभी राज्य सरकारों को अभियान से जुड़कर गांवों और शहरों तक जागरूकता फैलाने का काम करना होगा।