ग्रेटर बरेली बनाने से पहले जानिए क्या है बीडीए का प्लान...होगा सबसे जरूरी काम

जमीन के बैनामे भी करा चुका है बीडीए, अब लोगों से लिया जाएगा फीडबैक

ग्रेटर बरेली बनाने से पहले जानिए क्या है बीडीए का प्लान...होगा सबसे जरूरी काम

बरेली, अमृत विचार : बीडीए की करीब 39 हेक्टेयर में प्रस्तावित ग्रेटर बरेली आवासीय परियोजना विकसित करने से पहले सामाजिक समाघात आंकलन यानी सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट किया जाएगा। इसके तहत देखा जाएगा कि आवासीय परियोजना से क्षेत्र में रह रहे परिवारों एवं जनसंख्या पर सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक तौर पर किस तरह के सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। दिल्ली के ''एग्रीमा'' संगठन को यह आंकलन करने की जिम्मेदारी दी गई है। एग्रीमा की टीम उन सात गांवों में बैठकें कर ऐसे ग्रामीणों और परिवारों से फीडबैक लेगी जिनकी भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने दो सितंबर को सामाजिक समाघात निर्धारण की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की है। इसकी प्रति विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी संगठन कार्यालय और एसडीएम सदर को भी भेजी है। इस अधिसूचना के अनुसार भूमि अर्जन, पुर्नवासन एवं पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार (उत्तर प्रदेश) नियमावली 2016 के अधीन (सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट) कराया जा रहा है। इस नियमावली के तहत भूमि अर्जन की कार्यवाही से पहले चुनी गई एजेंसी के जरिए लोकहित में सामाजिक समाघात आकलन और सामाजिक समाघात प्रबंधन की योजना तैयार की जाएगी। नई दिल्ली के एग्रीमा संगठन की टीम अधिग्रहण की गई भूमि वाले गांवों में जाकर अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी।

एसआईए मतलब...
सामाजिक समाघात आकलन (एसआईए) के तहत किसी भी ढांचागत विकास से प्रभावित होने वाले परिवार/गांव और क्षेत्र का अध्ययन किया जाता है। इसके जरिए से यह जानने का प्रयास किया जाता है कि क्षेत्र में रहने वाले परिवारों पर विकास कार्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से क्या सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। अध्ययन के तहत लोगों की भागीदारी और उनसे चर्चा कर उनके विचार जाने जाएंगे, ताकि नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। गांवों में स्थानीय लोगों के साथ बैठकें भी की जाएंगी।

इन गांवों में हुआ है भूमि अधिग्रहण
ग्रेटर बरेली आवासीय योजना के लिए बरेली विकास प्राधिकरण ने शासन से मंजूरी लेने के बाद मोहनपुर उर्फ रामनगर, अहरोला, नवदिया झादा, इटौआ, कचौली, बालीपुर अहमदपुर व कंथरिया क्षेत्र की करीब 39.22039 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की है। यह भूमि लगभग 149 गाटा संख्याओं में दर्ज है।

समस्याओं से जरूर अवगत कराएं ग्रामीण
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने अधिसूचना में टिप्पणी की है कि कार्यालय विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी में सभी कार्य दिवसों में विस्तृत विवरण देखा जा सकता है। सात गांवों के ग्रामीणों से आग्रह किया है कि सामाजिक समाघात आकलन करने के लिए टीम जब भी उनके गांव में पहुंचे तो अपनी समस्याओं से टीम के सदस्यों को जरूर अवगत कराएं।

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