प्रयागराज: मदरसे में जाली नोट छापे जाने के मामले ATS और LIU की टीमों ने की पूछताछ, हुआ ये बड़ा खुलासा

प्रयागराज: मदरसे में जाली नोट छापे जाने के मामले ATS और LIU की टीमों ने की पूछताछ, हुआ ये बड़ा खुलासा

प्रयागराज। प्रयागराज के अतरसुइया स्थित एक मदरसे में जाली नोट छापे जाने के मामले में मंगलवार को पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) की टीम ने वहां के कर्मचारियों और विद्यार्थियों से पूछताछ की। स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को एटीएस और एलआईयू की टीम ने मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम जाकर वहां के कर्मचारियों और विद्यार्थियों से पूछताछ की।

हालांकि इस पूछताछ में कोई महत्वपूर्ण तथ्य निकलकर सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि नकली नोट छापने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के लिए पुलिस जल्द ही उन्हें हिरासत में लेने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल करेगी। मदरसे के कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने नकली नोट छापे जाने की जानकारी होने से इनकार किया। 

अट्ठाइस अगस्त को प्रयागराज पुलिस ने जाली नोट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से 100 रुपये के कुल 1300 जाली नोट, 234 पेज छपा हुआ (बिना कटा हुआ) नोट, एक लैपटॉप, एक कलर प्रिंटर, दो बंडल बंधा कागज और एक बंडल कागज (खुला हुआ) बरामद किया था।

पुलिस उपायुक्त (नगर) दीपक भूकर के मुताबिक, गिरोह का सरगना जाहिर खान ओड़िशा के भद्रक का रहने वाला है और वह प्रयागराज के करेली निवासी मोहम्मद अफजल के साथ मिलकर मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम के एक कमरे में जाली नोट बनाता था। उन्होंने बताया कि प्रयागराज के अतरसुइया स्थित मदरसे के मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरिफीन ने जाली नोट बनाने के लिए मदरसे में अलग से एक कमरा उपलब्ध कराया था। 

जाली नोट बनाने के काम में मोहम्मद साहिद सहयोग करता था। भूकर के मुताबिक, यह गिरोह पिछले तीन-चार महीने से जाली नोट बनाने का काम कर रहा था और यह 15,000 रुपये के असली नोट के बदले 45,000 रुपये मूल्य के नकली नोट उपलब्ध कराया करता था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत किया।  

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