बरेली : रिश्वतखोर इंस्पेक्टर रामसेवक की संपत्ति की होगी जांच

जांच की अनुमति लेने के लिए शासन को भेजी गई रिपोर्ट

बरेली : रिश्वतखोर इंस्पेक्टर रामसेवक की संपत्ति की होगी जांच

बरेली, अमृत विचार। सात लाख रुपये लेकर दो स्मैक तस्करों को छोड़ने वाले निलंबित फरीदपुर इंस्पेक्टर रामसेवक ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। पुलिस अधिकारियों ने अब उसकी संपत्ति की जांच कराने के लिए अनुमति के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी है। वहीं आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं। रामसेवक ने अपने गांव में जमीन और लखनऊ में दो कोठियां खरीदी हैं।

इंस्पेक्टर रामसेवक ने फरीदपुर के गांव नवदिया अशोक निवासी आलम, नियाज अहमद और अशनूर को तीन सौ ग्राम अफीम के साथ पकड़ा था। 22 अगस्त को रामसेवक ने सात लाख रुपये लेकर आलम और नियाज अहमद को छोड़ दिया। रिश्वत में मिली रकम रामसेवक ने अपने आवास में रख दी। एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर एसपी दक्षिणी मानुष पारीक और सीओ गौरव सिंह ने छापामार कर कमरे से करीब 10 लाख रुपये बरामद किए थे, लेकिन रामसेवक मोबाइल छोड़कर दीवार फांदकर भाग गया था। वह अपने साथ सर्विस पिस्तौल और 10 कारतूस भी ले गया। आरोपी के खिलाफ सीओ गौरव सिंह ने थाना फरीदपुर में बंधक बनाकर रंगदारी वसूलने और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद रामसेवक को निलंबित कर दिया गया। उसकी संपत्ति की पुलिस ने गोपनीय तरीके से जांच की तो पता चला कि लखनऊ में रामसेवक की करोड़ों की आलीशान दो कोठियां हैं। उसने अपने गांव हरदोई के पीपरपाली में कई बीघा जमीन खरीदी है। गांव में भी आलीशान कोठी बनी है। पुलिस अधिकारियों ने निलंबित इंस्पेक्टर रामसेवक की संपत्ति की जांच के लिए शासन को पत्र लिखा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसकी संपत्ति की जांच के बाद बड़ी कार्रवाई हो सकती है। मुकदमे में सरकारी पिस्तौल लेकर भागने की धारा बढ़ाई जा रही है।

रात भर जागता रहा रामसेवक
एक सिपाही ने बताया कि रिश्वत के रुपये मिलने के बाद रामसेवक आवास से बाहर नहीं निकला। वह नोटों को गिनता रहा। रामसेवक ने 10 महीने में करीब दो करोड़ रुपये की स्मैक और तीन करोड़ से अधिक की अफीम पकड़ी थी, लेकिन इतनी अफीम और स्मैक वह कहां ले गया, किसी को पता नहीं है।

हो सकता है बर्खास्त
पुलिस सूत्रों के अनुसार रामसेवक की भ्रष्टाचार की हिस्ट्री अधिकारियों ने डीजीपी और मुख्यमंत्री को भेज दी है। जल्द ही उसकी बर्खास्तगी हो सकती है। पुलिस के पास इतने साक्ष्य हैं कि उसे राहत नहीं मिल सकती है। वहीं उसके सहयोगी पुलिस कर्मियों के नाम भी विवेचना में बढ़ सकते हैं। वहीं जिले के कुछ पुलिस कर्मियों का कहना है कि रामसेवक का राजनीतिक रसूख खासा अच्छा है। उसका रिश्तेदार विधायक है। इसलिए उस पर मामूली कार्रवाई ही होगी। कुछ दिन बाद वह बहाल होकर दोबारा किसी जिले में थाना प्रभारी का चार्ज संभाल लेगा।