अयोध्या: गलत फोटो अपलोड करने में रोजगार सेवक दोषी, प्रधान को क्लीन चिट
मुख्यमंत्री पोर्टल पर हुई शिकायत पर मामले की संयुक्त टीम ने की थी जांच

तारुन/अयोध्या, अमृत विचार। मनरेगा एवं राज वित्त योजना से तारुन ब्लॉक क्षेत्र के कोरोराघवपुर ग्राम पंचायत में करीब 70 लाख रुपये से बनाये जा रहे मिनी स्टेडियम निर्माण में हुई गड़बड़ियों की शिकायत में ग्राम रोजगार सेवक को जियोटैग में गैलरी से पुरानी फोटो नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग साफ्टवेयर पर अपलोड करने का दोषी पाया गया हैं। मामले में ग्राम प्रधान की कोई भूमिका न मिलने से संयुक्त जांच टीम ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
ग्राम पंचायत निवासी संजय सिंह ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई समन्वित शिकायत निवारण पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की थी। जिसके संदर्भ में मुख्य विकास अधिकारी ने जिला भूमि संरक्षण अधिकारी सुभाष चन्द्र वर्मा व तारुन ब्लाक के कार्मिकों के नेतृत्व में संयुक्त जांच टीम बनाकर जांच करायी थी। टीम की स्थलीय जांच के समय मयाराम वर्मा एडीओ सांख्यिकी, आलोक वर्मा जेई, तकनीकी सहायक आलोक श्रीवास्तव, पंचायत सचिव कर्मराज, ग्राम प्रधान रुचि सिंह व ग्राम रोजगार सेवक गंगाराम मौजूद रहे लेकिन शिकायतकर्ता संजय सिंह मौके पर उपस्थित नहीं हुए।
संयुक्त टीम की जांच में प्रथम दृष्टया कार्य होना पाया गया। जांच टीम ने पाया कि मानिटरिंग साफ्टवेयर पर ग्राम रोजगार सेवक गंगाराम ने कार्य स्थल पर न जाकर गैलरी से पुरानी फोटो अपलोड कर दिया था। जिनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की बात संयुक्त टीम ने किया है। जिला भूमि संरक्षण अधिकारी सुभाष चन्द्र वर्मा ने बताया कि मामले की स्थलीय जांच आख्या की रिपोर्ट जिलाधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी अयोध्या व उपायुक्त श्रम रोजगार को भेज दिया गया है। उन्होंने रोजगार सेवक के दोषी पाए जाने की पुष्टि की है।
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