सामाजिक और मुद्दों की लड़ाई लड़ने का वक्त, पूर्व सांसद बोले- प्रदेश में होगा आंदोलन, कानपुर में डोमा परिसंघ सम्मेलन में संविधान बचाने का आह्वान
कानपुर, अमृत विचार। डोमा परिसंघ सम्मेलन में दलित, ओबीसी, माइनोरिटी और आदिवासी संगठनों के परिसंघ के तत्वाधान में संविधान और आरक्षण बचाने, आरक्षण की सीमा 50% बढ़ाने, वक्फ बोर्ड बचाने, जाति जनगणना कराने और ईवीएम हटाने आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।
चकेरी चुंगी में आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि डोमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद उदित राज ने कहा कि डोमा सामाजिक संगठनों का संघ है। अब समय है उत्तर प्रदेश में सामाजिक और मुद्दों की लड़ाई लड़ने का। इसलिए डोमा सामाजिक और मुद्दों की लड़ाई के लिए उत्तर प्रदेश में आंदोलन करेगा। उदित राज ने कहा आप को विचारधारा के आधार पर अपने समाज को अपने स्तर से जोड़ना होगा तभी आप को आप का अधिकार मिलेगा। डोमा आरक्षण और संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। टुकड़ों टुकड़ों में रह कर यह लड़ाई जीती नहीं जा सकती। सिर्फ एक होकर इस लड़ाई कों जीता जा सकता है।
पूर्व जस्टिस सभाजीत यादव ने बताया कि अब जागरुकता कार्यक्रम गांव गांव तक चलाएं जाएंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता आर के सिंह यादव ने कहा कि संविधान बचाने के लिए सबको एकजुट होना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश सभाजीत यादव ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री मसूद अहमद मौजूद रहे। विशेष वक्ता के रूप मे उत्तर प्रदेश डोमा के कार्यकारी अध्यक्ष विजय बहादुर रहे।
मंच संचालन अनिल सोनकर के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता आर के सिंह यादव ने संयुक्त रूप से किया। साधू यादव (पूर्व ब्लॉक प्रमुख) चंदी पासी ( पूर्व ब्लॉक प्रमुख ) मनोज यादव डॉ.राम कुमार कुशवाहा, अजीत दिवाकर, बाबू राम सोनकर डॉ. रमेश कुशवाहा, रामेन्द्र कटियार, हरिप्रसाद यादव, राम सेवक यादव, मोहनलाल कमल, करीम अहमद, मुसर्रफ अली, शैलू सोनकर, चंदी पासी, प्रतिभा अटल पाल, ऊषा रानी कोरी, नंदराम सोनकर, समर सिंह यादव, वीरेंद्र यादव, अवसान यादव, डॉ. सिद्ध नाथ यादव, राम शंकर, कृष्ण पाल सिंह, मुन्ना लाल यादव, मुरलीधर यादव, कमल यादव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
