अयोध्या: सवाल...कैसे टूटेंगे अवैध बेसमेंट और बंद होंगे अवैध कोचिंग सेंटर?

वर्षो हाथ बांधे और आंख बंद किए बैठे रहे प्राधिकरण और माध्यमिक शिक्षा विभाग

अयोध्या: सवाल...कैसे टूटेंगे अवैध बेसमेंट और बंद होंगे अवैध कोचिंग सेंटर?
अयोध्या : रिकाबगंज में बने एक काम्पलेक्स का बेसमेंट, यहां छापा नहीं पड़ा अयोध्या : छापों के बाद एक कोचिंग सेंटर से उतारा जाता बोर्ड

अयोध्या, अमृत विचार। दिल्ली की घटना के बाद शासन के निर्देश पर जागे अयोध्या विकास प्राधिकरण और माध्यमिक शिक्षा विभाग दोनों अब रस्म अदायगी के लिए अभियान चला रहे हैं। बीते तीन दिनों में प्राधिकरण द्वारा दो दिन तो माध्यमिक शिक्षा विभाग ने एक दिन अभियान चला कर इतिश्री कर ली है। दशकों तक हाथ बांधे बैठे दोनों जिम्मेदार विभाग अब सक्रियता दिखा रहे हैं।

खास बात यह है कि बीते 15 वर्षों में दोनों विभागों की नाक के नीचे बड़ी संख्या में न केवल बेसमेंट बन गए बल्कि कोचिंग सेंटरों की बाढ़ आ गई। इन 15 वर्ष के दौरान दोनों विभागों ने एक बार भी इसे लेकर कोई अभियान नहीं चलाया। यह अलग बात है कि बीच-बीच में नोटिस का खेल कर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपना उल्लू सीधा किया जाता रहा। अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर गठित आठ टीमों द्वारा दो दिनों में महज दस बेसमेंट आदि में छापेमारी कर रस्म अदायगी की जा रही है। 

ऐसा ही गत वर्ष लखनऊ में एक होटल में आग लगने की घटना के बाद चलाए गए अभियान में हुआ था। उस दौरान भी मात्र दस से पंद्रह होटलों और लाज में छापेमारी कर नोटिस दी गई लेकिन कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई। अग्निशमन विभाग भी इस अभियान में शामिल रहा। उसने भी बीस नोटिस भेज कर अभियान दस दिन चला कर कर्तव्यों की खानापूर्ति कर ली। प्राधिकरण द्वारा कई बड़े होटलों को नोटिस देकर बाहरी हिस्से के ध्वस्त करने की बात कही गई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब जब दिल्ली में बेसमेंट की घटना हुई तो फिर से कवायद शुरू की गई है। 

लाख टके का सवाल तो यह है कि जब इन मार्केट और प्रतिष्ठानों का नक्शा दाखिल हुआ और प्राधिकरण द्वारा आंख बंद पास कर दिया गया तब क्यों नहीं टोका रोका गया। शहर के रिकाबगंज से लेकर नियावां, हनुमानगढ़ी नाका, फतेहगंज, चौक समेत विभिन्न क्षेत्रों में बने माल और अन्य दुकानों आदि में नीचे बेसमेंट बनाए गए हैं। अधिकतर में या तो दुकानें चल रही है या कोचिंग सेंटर। कई बेसमेंट तो गोदाम के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। नियावां रोड पर एक साल में आठ बड़े मार्केट बने और सबमें बेसमेंट बनाया गया है लेकिन प्राधिकरण ने ले-आऊट पास कर दिया बिना सुरक्षा इंतजाम देखे। 

वहीं जमुनिया बाग और रिकाबगंज में दो बड़े काम्प्लेक्स में भी बड़ा बेसमेंट बनाया गया है लेकिन दो दिन चले अभियान में प्राधिकरण को यह नहीं दिखे। फतेहगंज में आठ काम्पलेक्स में बेसमेंट में गोदाम और दुकानों का संचालन किया जा रहा है लेकिन तब भी प्राधिकरण की आंखे बंद रहीं। हाल यह है प्राधिकरण के पास जोन और सेक्टर में अवर अभियंताओं की लंबी चौड़ी टीम है लेकिन सभी कमाई में लगे रहते हैं। बल्ला हाता में तो गली में बने दो मार्केट में बेसमेंट बना दिया गया है। यदि यहां कोई हादसा होता है तो बड़ी घटना घटित होने से नहीं रोकी जा सकती है। 

यही हाल माध्यमिक शिक्षा विभाग का है। ढाई सौ से अधिक कर्मियों के बाद भी अब तक एक भी कोचिंग संस्थान पर छापेमारी नहीं की गई। यहां तक कि जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कितने सेंटर विभाग में पंजीकृत है यह ब्यौरा तक विभाग के पास नहीं है। अब जब अभियान चल रहा है तो विभाग की कलई भी खुल रही है। एक दिन में महज पांच कोचिंग सेंटर पकड़ कर अधिकारियों ने अब हाथ बांध लिए।

अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा अभियान लगातार चलाया जा रहा है। सीलिंग और नोटिस की कार्रवाई की जा रही है। पहले क्या हुआ इस पर मैं क्या टिप्पणी कर सकता हूं। वर्तमान में पूरी जांच के बाद ही नक्शे पास किए जा रहे हैं-सत्येन्द्र सिंह, सचिव अयोध्या विकास प्राधिकरण

अवैध कोचिंग सेंटरों पर अभियान चलाया गया है। आगे भी अभियान जारी रहेगा। नियमित रूप से कोचिंग सेंटरों की जांच की जाती है। जो भी अवैध मिलेगें कार्रवाई की जाएगी-डॉ राजेश कुमार आर्य, डीआईओएस.    

इन स्थानों पर सीलिंग की कार्रवाई की गई 
कोरखाना देवकाली रोड स्थित सुरेश अग्रवाल और उत्कर्ष गुप्ता की मां गुरु ट्रेडर्स देवकाली बेनीगंज रोड पर नियम विरुद्ध बनाया गया बेसमेंट, जय मां वैष्णो डिजिटल लाइब्रेरी बेनीगंज रोड, कृष्ण नगर कॉलोनी में सुनीता गुप्ता, नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने बछड़ा सुलतानपुर का निर्माण, गीता क्लासेस व टारगेट कोचिंग क्लासेस साकेत पुरी कॉलोनी के सामने, रानोपाली सक्सेस मंत्र डिजिटल लाइब्रेरी साकेतपुरी रोड, लाइफ लाइन अस्पताल के पास स्टडी हब साकेतपुरी रोड और इंफिनिटी क्लासेस साकेतपुरी रोड में पर सीलिंग की कार्रवाई की गई है

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