काशीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योगों की हालत खस्ता

कुंदन बिष्ट, काशीपुर, अमृत विचार। बाजपुर रोड पर प्रदेश का सबसे पुराना इंडस्ट्रियल एरिया खस्ता हालत और बंदी के कगार पर है। इंडस्ट्रियल एस्टेट में 80 प्रतिशत से अधिक उद्योग बंद हो चुके हैं। लीज पर प्लांट होने के कारण छोटे काम के लिए भी उद्यमियों को जिला उद्योग केंद्र के चक्कर लगाकर कई औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं।
यूपी में पहली इंडस्ट्रियल पॉलिसी बनने के बाद यूपी के तत्कालीन वित्त मंत्री नारायण दत्त तिवारी ने काशीपुर में औद्योगिक विकास के लिए बाजपुर रोड पर इंडस्ट्रियल स्टेट की स्थापना की थी। जहां उद्यमियों को 50 प्लॉट 99 साल की लीज पर उद्यमी, जिला उद्योग केंद्र और राजस्व तीनों के संयुक्त हस्ताक्षर से दिए गए थे।
लीज के लिए 1100 वर्ग गज के लिए साढ़े नौ हजार रुपये प्लॉट की कीमत तथा लीज होल्ड प्राइज एक रुपये साल के हिसाब से 99 रुपये लीज होल्डर से जमा कराए गए। इंडस्ट्रियल एरिया बनने के बाद 20-25 साल आठ-दस इंडस्ट्रीज चलीं। धीरे-धीरे औद्योगिकीकरण होने और नई-नई पॉलिसी आने पर अन्य उद्यमियों ने भी यहां उद्योग लगाए और औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो गया। लेकिन फिर धीरे-धीरे इंडस्ट्रियल एस्टेट की हालत खस्ता होने लगी।
स्थापित उद्योगों में नया प्लांट स्थापित करने, निर्माण कराने, बिजली, पार्टनर बदलने, फर्म का नाम बदलने आदि कामों के लिए उद्यमियों को जिला उद्योग केंद्र के चक्कर लगाने पड़े। उद्यमियों ने इसे लीज के बजाय फ्री होल्ड करने की मांग शुरू कर दी है। बताया कि इसके लिए आश्वासन दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्तमान में मात्र नौ उद्योग संचालित हो रहे हैं।