बाराबंकी: कबाड़ हो गए बिना प्रयोग ई-रिक्शा और ठेलिया, लाखों रुपये की धनराशि से हुई थी खरीद

ईओ और चेयरमैन के बयानों से दिख रही लापरवाही

बाराबंकी: कबाड़ हो गए बिना प्रयोग ई-रिक्शा और ठेलिया, लाखों रुपये की धनराशि से हुई थी खरीद

रामसनेहीघाट/बाराबंकी, अमृत विचार। नगर पंचायत रामसनेहीघाट की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नगर पंचायत ने करीब तीन साल पहले दर्जनों ई-रिक्शा और ठेलिया (कूड़ा उठाने वाले वाहन) खरीदे थे। इनका इस्तेमाल कूड़ा एकत्र कर कूड़ा घर तक पहुंचाने के लिये होना था, लेकिन कुछ का इस्तेमाल हो रहा। जबकि दर्जनों वाहन का आज तक उपयोग नहीं हुआ। यह वाहन खड़े-खड़े ही कबाड़ होने लगे हैं।

नगर पंचायत के पास शहर के गली-मोहल्लों से कूड़ा उठाकर उसे निस्तारण केंद्र तक पहुंचाने के लिए वाहनों की लंबी कतार है। इसके बाद भी कुछ वार्डो के विभिन्न इलाकों में रोजाना कूड़ा गाड़ियां नहीं पहुंच पाती हैं। इससे रास्तों पर गंदगी नजर आती है और लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। नगर पंचायत को साफ-सुथरा रखने के लिए खरीदे गए वाहन नगर पंचायत प्रशासन की अनदेखी के चलते खड़े-खड़े कबाड़ हो रहे हैं। कोई इनकी सुध लेने वाला नहीं है। इनमें कुछ वाहन तो ऐसे हैं, जो खरीदने के बाद एक दिन भी उपयोग में नहीं लाए गए हैं। 

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लगभग तीन साल पहले खरीदे गए लाखों रुपये के ई-रिक्शा और ठेलिया खड़े-खड़े धूल फांक रहे हैं और इनके आसपास बड़ी-बड़ी झाड़ियां भी उग आई हैं। उपयोग न होने से यह कबाड़ होते जा रहे हैं। बता दें यह वाहन खुद ही कूड़ेदान को मशीन के माध्यम से उठाकर उसका कूड़ा वाहन में डाल लेते हैं। इससे कूड़ा इधर-उधर नहीं फैलता और समय की भी बचत होती है।

वाहनों की खरीददारी उनके कार्य काल से पहले हुई है और वहां पर फर्श नहीं बनी होने के कारण घास फूस जम गई है। जल्द ही फर्श बन जाएगी और इनका उपयोग भी शुरु हो जाएगा-धीरज सिंह, ईओ

इन्हीं सब समस्याओं को लेकर उनका विवाद चल रहा है। नगर में कार्य भी नहीं दिखता और रुपये भी निकल जाते हैं। जिसकी शिकायत नगर विकास मंत्री से भी किया है-डॉ. ज्ञान प्रकाश यादव, चेयरमैन

एक टन कूड़ा निकलता है प्रतिदिन
नगरवासियों की तरफ से प्रतिदिन घर, दुकानों की साफ-सफाई की जाती है और कूड़ा सड़कों व कूड़ेदानों में फेंक दिया जाता है। इसे रोजाना उठाने का जिम्मा नगर पंचायत का है। नगर पंचायत प्रशासन के अनुसार नगर से रोजाना करीब एक टन कूडा निकलता है। इसे वाहनों के जरिये फेंका जाता है।

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