World Hepatitis Day: इलाज से बेहतर है बचाव, नशे की लत और टैटू का शौक कर रहा लिवर खराब
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वीरेन्द्र पाण्डेय/लखनऊ, अमृत विचार। लिवर शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग है। शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में लिवर मदद करता है, लेकिन हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी होने पर लिवर सही तरीके से काम नहीं करता। यदि ऐसी समस्या होने पर अगर लापरवाही बरती जाती है, तो वह जीवन के लिए खतरा बन सकती है। ऐसे में लिवर को हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए जागरूक रहना जरूरी है। यही वजह है कि हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। जिससे लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता आए और वह इससे खुद को बचा सकें। यह जानकारी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के एचओडी प्रोफेसर सुमित रूंगटा ने दी है।
प्रोफेसर सुमित रूंगटा ने बताया है कि हेपेटाइटिस ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट (प्लेटलेट्स, प्लाज्मा) से फैलता है, हालांकि प्रदेश में ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट की स्क्रीनिंग बहुत ही बेहतर तरीके से हो रही है, लेकिन उसके बाद भी हेपेटाइटिस का प्रसार हो रहा है। प्रसार होने के अन्य कारण बताए जा रहे हैं। जिसमें नशे की लत और टैटू का शौक प्रमुख कारण निकलकर सामने आए हैं।
इलाज से बेहतर है बचाव
प्रोफेसर सुमित के मुताबिक हेपेटाइटिस पांच तरह की होती है। जिसमें हेपेटाइटिस- B से बचाव के लिए टीकाकरण हो रहा है। टीकाकरण हर व्यक्ति को कराना चाहिए, यह जरूरी है। जन्म के बाद बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जाती है। लोगों को टीकाकरण यानी वैक्सीनेशन के लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि टैटू बनाने का फैशन इस बीमारी के प्रसार का प्रमुख कारण है, क्योंकि एक ही नीडल से कई लोगों को टैटू बनाया जाता है, ऐसे में किसी एक व्यक्ति को हेपेटाइटिस की बीमारी होने पर उससे दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। लिहाजा टैटू का शौक खतरनाक साबित हो सकता है, इससे बचना चाहिए। वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि नशे की लत हेपेटाइटिस के प्रसार का कारण है, ड्रग्स का नशा करते समय लोग एक ही सिरिंज का कई बार इस्तेमाल करते हैं। यह स्वस्थ समाज और व्यक्ति दोनों के लिए बहुत हानिकारक है। इसकी रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
लिवर में आ जाती है सूजन
प्रोफेसर सुमित के मुताबिक हेपेटाइटिस की बीमारी होने पर लिवर में सूजन आ जाती है। जिससे भोजन का पाचन ठीक तरह से नहीं होता। यदि भोजन का पाचन ही ठीक नहीं होगा, तो शरीर को पोषक तत्व नहीं मिलेंगे। जिससे जीवन पर खतरा हो सकता है। समय पर बीमारी की पहचान होने से इलाज संभव है, लेकिन यदि जागरूक रहा जाए तो बचाव भी संभव है इलाज से हमेशा बचाव ज्यादा बेहतर है।
वायरल हेपेटाइटिस के पांच प्रकार
हेपेटाइटिस A:
हेपेटाइटिस A वायरस मल के माध्यम से फैलता है। इससे बचने के लिए ताजा भोजन और स्वच्छ पानी पीना चाहिए है।
हेपेटाइटिस B:
यह रक्त और शारीरिक तरल पदार्थों के जरिए फैलता है।
इससे गंभीर लिवर संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचाव के लिए टीकाकरण हो रहा है।
हेपेटाइटस C:
रक्त के माध्यम से फैलने पर यह गंभीर यकृत रोग (लिवर रोग) का कारण बन सकता है।
हेपेटाइटिस D:
इसमें हेपेटाइटिस B का प्रभाव और भी खराब हो सकता है
हेपेटाइटिस E:
दूषित जल और मल के जरिए फैलता है। गंभीर होने पर एंटीवायरल दवा की आवश्यकता हो सकती है।
लक्षण-
थकान
पेट में दर्द
भूख में कमी
पीली त्वचा
आंखें पीली
World Hepatitis Day
— Amrit Vichar (@AmritVichar) July 27, 2024
इलाज से बेहतर है बचाव
नशे की लत और टैटू का शौक कर रहा लिवर खराब
लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ को बाहर निकलने में लिवर मदद करता है, लेकिन हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी होने पर लिवर सही तरीके से काम नहीं करता। यदि ऐसी समस्या… pic.twitter.com/SV4Y7bZIoO
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