पीलीभीत: लेखपाल साहब ने लगाई ये कैसी रिपोर्ट! शुरू होते ही रुक गया एमआरएफ सेंटर का निर्माण.., पहले कहां थे जिम्मेदार

पीलीभीत, अमृत विचार। नौगवां पकड़िया नगर पंचायत में राजस्व विभाग के लेखपाल के द्वारा पैमाइश कराकर शुरू कराए गए एमआरएफ सेंटर के कार्य का पेंच फंस गया है। जिस जमीन पर एमआरएफ सेंटर का निर्माण कराया जा रहा था। उस जमीन का प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित और स्थगन आदेश दिखाते हुए एडीएम न्यायिक ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य रुकवा दिया। इसके बाद नगर पंचायत में खलबली मच गई है।
नगर पंचायत का तर्क है कि हाईकोर्ट का जो आदेश मिला है। उसमें इस गाटा संख्या का उल्लेख नहीं है। लेकिन एडीएम न्यायिक का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए जमीन पर निर्माण रुकवा दिया गया है। नगर पंचायत और अन्य पक्ष से अभिलेख मांगे गए हैं। जिसकी जांच कराने के बाद ही हकीकत का पता चल सकेगा।
बता दें कि शहर से सटे नौगवां पकड़िया को कुछ साल पहले ही नगर पंचायत का दर्जा मिला है। इससे पहले यह ग्राम पंचायत हुआ थी। नगर पंचायत बनने के बाद ग्राम पंचायत की जमीन का अधिग्रहण कर पंचायत के अधीन कर दिया गया। नगर पंचायत क्षेत्र में कूड़े का निस्तारण करने के लिए नौ जून 2023 को एमआरएफ सेंटर के निर्माण किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
इसके बाद नगर पंचायत कार्यालय से करीब एक किलोमीटर दूरी पर स्थित एक जगह को चिन्हित किया गया था। जिसकी पैमाइश क्षेत्रीय लेखपाल धीरज देवल द्वारा गाटा संख्या 995 (ख) पर करीब चार बीघा जमीन का अवलोकन कराया गया था। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया कराकर एमआरएफ सेंटर का काम शुरू करा दिया गया था। टेंडर होने के बाद 21 जून से काम शुरु करा दिया गया था। एमआरएफ सेंटर का फाउंडेशन तैयार कर लिया गया है। निमार्ण कार्य के बीच चीनी मिल मालिकों ने अब जमीन को अपना बताते हुए हाईकोर्ट का स्थगन आदेश होने की बात कही।
इस पर गुरुवार को दोपहर एडीएम न्यायिक अजीत परेश मौके पर पहुंचे। उन्होंने एमआरएफ सेंटर का काम बंद करा दिया। उनका कहना था कि यह जमीन सीलिंग की है। इस जमीन पर हाईकोर्ट का स्टे है। निर्माण कराकर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना मानी जाएगी। इसलिए निर्माण को रुकवा दिया गया।
निर्माण रुकवाने की जानकारी मिलने के बाद नगर पंचायत चेयरमैन संदीप कौर और ईओ एजाज अहमद भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने तर्क दिया कि स्टे में गाटा संख्या 995 (ख) का कोई जिक्र नहीं है। ऐसे में एडीएम ने दोनों पक्षों से अपने अपने अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। जिसके लिए जांच कमेटी गठित की जाएगी। फिलहाल जांच होने तक कोई भी काम शुरु नहीं हो सकेगा।