Kanpur: नगर निगम भूल गया अभियान: आवासीय भवनों पर लगी होर्डिंग की भरमार, दुर्घटना का हो रहा इंतजार
कानपुर, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देश के बाद भी शहर में विज्ञापन होर्डिंग लगाने में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। बड़ी संख्या में आवासीय भवनों पर बिना किसी सुरक्षा मानक के लगायी गईं बड़ी-बड़ी होर्डिंग जहां खतरों को दावत दे रही हैं, वहीं नियमों के विपरीत चौराहों के आसपास ही लोहे के बड़े-बड़े एंगल पर भवनों के ऊपर होर्डिंग तान दी गई हैं। बरसात के मौसम में ऐसी होर्डिंग कभी भी हादसे की वजह बन सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों कहा था कि बेतरतीब लगी विज्ञापन होर्डिंग शहर की सुंदरता खराब करती है और दुर्घटना का कारण बनती है। शहरी क्षेत्र में किसी भवन के ऊपर विज्ञापन की होर्डिंग नहीं लगाई जानी चाहिए। प्रचलित होर्डिंग के स्थान पर एलईडी डिस्प्ले को बढ़ावा दिया जाए। इसे विज्ञापन एजेंसियों, विज्ञापन दाताओं, स्थानीय प्रशासन और जनता सभी को सहूलियत होगी। उन्होंने नगर निगम को सख्ती से नियम का पालन कराने के निर्देश दिए थे।
लेकिन इस आदेश के बावजूद शहर में हर कहीं अवैध और बेतरतीब होर्डिंग की भरमार है। यहां तक कि पुराने भवनों पर बड़ी-बड़ी होर्डिंग खड़ी कर दी गई हैं। नरोना चौराहा, फूलबाग, रावतपुर, जनरलगंज, घंटाघर, काकादेव, गुमटी नंबर पांच, संत नगर, गोविंद नगर नया और पुराना पुल, किदवई नगर, जूही क्षेत्रों में कई जगह जर्जर भवनों पर होर्डिंग लगी नजर आती हैं। ऐसे में भारी भरकम होर्डिंग गिरने पर बड़ा हादसा हो सकता है।
अवैध होर्डिंग लगवाकर अधिकारी भर रहे जेब
शहर में बिना किसी स्वीकृति के तमाम मकानों में होर्डिंग लगी हैं। नियम के विपरीत भवनों में होर्डिंग्स टांगकर अवैध विज्ञापन किये जा रहे हैं। इससे नगर निगम को राजस्व की क्षति हो रही है। जिन मकानों में होर्डिंग लगी हैं उनसे व्यावसायिक टैक्स लेना चाहिए लेकिन नहीं लिया जा रहा है। क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक और कर्मचारी सुविधा शुल्क के चलते आंखें बंद किए रहते हैं।
यहां विज्ञापन करने पर रोक
- कचहरी परिसर, सरकारी इमारतें, ओवरब्रिज, धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक भवन
- चौराहे के आसपास 50 मीटर तक नहीं लगेगी होर्डिंग, विज्ञापन पट को पेड़ से नहीं बांध सकते।