बरेली: दस साल पहले भी हुआ था राणा के होटल-कोठी गिराने का आदेश, इस वजह से नहीं हो सकी कार्रवाई
बरेली, अमृत विचार : राजीव राणा के जिस होटल और कोठी को बृहस्पतिवार को ध्वस्त किया गया, बीडीए की ओर से उसे गिराने का आदेश दस साल पहले भी जारी हुआ था लेकिन भारी दबाव पड़ने के कारण बीडीए इस पर कार्रवाई नहीं कर पाया और फाइल दबकर रह गई। अब जाकर यह फाइल बाहर निकाली गई।
बताया जा रहा है कि संजयनगर के मेन रोड पर होटल और कोठी की इमारत बगैर नक्शा पास कराए वर्ष 2013-14 में बनी थी। इसके निर्माण के दौरान बीडीए की ओर से कई बार नोटिस जारी किए लेकिन न किसी नोटिस का जवाब दिया गया न ही बीडीए से नक्शा भी पास नहीं कराया गया तो बीडीए ने वर्ष 2014 में इस बिल्डिंग को ध्वस्त करने का आदेश जारी कर दिया। इस कार्रवाई के लिए बीडीए ने पुलिस फोर्स की मांग की तो लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए उसे टाल दिया गया। इस वजह से कार्रवाई टली तो टलती ही गई। बीडीए का आदेश भी फाइलों में दबकर रह गया।
इस बीच राणा की सत्ताधारी नेताओं से नजदीकियां और बढ़ीं और कोई बीडीए अफसर दोबारा उसके अवैध निर्माण की फाइल खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। कई साल बेफिक्री से काटने के बाद राणा के दुर्दिन तब शुरू हुए जब 22 जून को गोलीकांड में उसका नाम सामने आया। हाल ही में उसकी संपत्तियों की जांच शुरू हुई तो बीडीए ने भी उसकी दस साल पुरानी फाइल तलाश ली। फाइल देखने से साफ हो गया कि उसके होटल और कोठी को गिराने का आदेश पहले ही हो चुका है। इसके बाद राणा का होटल और कोठी गिराने कोई बाधा नहीं रह गई।
संजयनगर मेन रोड पर राजीव राणा की दोनों संपत्तियों को ध्वस्त करने का पुराना आदेश था। उसी पर कार्रवाई की गई है। राणा की सभी संपत्तियों पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होगी।अभी कागज चेक किए जा रहे हैं। गाेलीकांड में आरोपी विपक्षियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए वेट एंड वाच की की अपेक्षा है। शुक्रवार को भी राणा की कुछ संपत्ति सील की जाएंगी- मानिकनंदन ए, बीडीए उपाध्यक्ष
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