हल्द्वानी: लापता छात्राओं का सुराग नहीं, तलाश में भेजी चौथी टीम

हल्द्वानी: लापता छात्राओं का सुराग नहीं, तलाश में भेजी चौथी टीम

हल्द्वानी, अमृत विचार। रविवार को भारी हंगामे के बाद बनभूलपुरा थाना क्षेत्र से लापता नाबालिग छात्राओं की तलास में तेजी तो आई, लेकिन चौथे दिन भी पुलिस को उनका कोई सुराग नहीं मिला। उनकी तलाश में पुलिस की चौथी टीम भी लगा दी गई है और अब उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ जीआरपी, आरपीएफ और चाइल्ड हेल्प लाइन को भी तलाश में लगा दिया गया है। रविवार को एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने प्रदर्शनकारियों को 24 घंटे में छात्राओं की बरामदगी का भरोसा दिया था। 

बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के जवाहरनगर की रहने वाली छात्राओं में एक 9वीं और दूसरी 11वीं में पढ़ने वाली है। 9वीं में पढ़ने वाली छात्रा के घर दूसरी छात्रा किराएदार है। आरोप है कि इलाके में ही रहने वाला एक नाबालिग लड़का बीते गुरुवार छात्राओं को लेकर गया है।

बदायूं में छात्राओं की आखिरी मोबाइल लोकेशन मिली थी, जिसके बाद से मोबाइल बंद हैं। गुरुवार से सर्विलांस के भरोसे बैठी पुलिस ने रविवार को तमाम संगठनों के हंगामे की बाद पुलिस को सक्रिय किया और मैन्युअल पुलिस शुरू कराई। अब मामले में पुलिस की चार टीमें तलाश में जुटी हैं। मुखबिरों की मदद ली जा रही है और मैप बनाकर सीसीटीवी सर्विलांस टीम छात्राओं की तलाश में जुट गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस से भी छात्राओं की फोटो भेजकर मदद मांगी गई है। आरपीएफ, जीआरपी और उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की चाइल्ड हेल्प लाइन से भी मदद की अपील की गई है।

छात्राओं की सकुशल बरामदगी के लिए प्रभावी तौर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। टीमें यूपी रवाना कर दी गई हैं, जल्द ही छात्राओं को वापस लाया जाएगा। 
- नितिन लोहनी, क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी


विधायक सुमित ने जाना हाल, परिजनों को अनहोनी की आशंका
 विधायक सुमित हृदयेश सोमवार को छात्राओं के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने घटना की जानकारी ली और हर संभव मदद का भरोसा दिया। परिजनों को बेटियों के बिन रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों को डर है कि छात्राओं के साथ कहीं कुछ गलत न हो और उम्मीद की है कि पुलिस ने सकुशल बरामद कर ले आएगी।  

परिजनों का हर कॉल पर नजर, आधा दर्जन से हो रही पूछताछ
छात्राएं और उन्हें ले जाने वाला नाबालिग लड़का मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहा और न ही एटीएम का, जिसकी वजह से तलाश में देरी हो रही है। पुलिस का अनुमान है कि वह किसी दूसरे के नंबर से परिजनों से संपर्क कर सकते हैं। जिसके चलते पुलिस परिजनों के फोन पर आने वाले हर कॉल पर नजर रख रहे हैं। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की जा रही है।