...तो बिथरी में भी पप्पू-डब्बू और बब्बू की कहानी ने दिखाया रंग, दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके धर्मेंद्र कश्यप

...तो बिथरी में भी पप्पू-डब्बू और बब्बू की कहानी ने दिखाया रंग, दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके धर्मेंद्र कश्यप

अनुपम सिंह, बरेली। आंवला लाेकसभा सीट के लिए सपा और भाजपा के बीच हुए कांटे के मुकाबले की गवाही बूथों के नतीजे दे रहे हैं। बिथरी चैनपुर विधानसभा क्षेत्र में भी पप्पू-डब्बू और बब्बू की कहानी का असर भाजपा प्रत्याशी के वोटों पर दिखाई दे रहा है। यहां भाजपा का विधायक होने के बावजूद 65 बूथों पर भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र कश्यप दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। सात बूथों पर उन्हें 10 वोट भी नहीं मिले। भाजपा और सपा के बीच मुकाबला कितना कड़ा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बूथों पर बसपा को एक भी वोट नहीं मिला।

सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य ने 4,92,515 वोट पाकर निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के दो बार सांसद रहे धर्मेंद्र कश्यप को 15,969 वोटों से हराया है। बिथरी चैनपुर में भाजपा के डॉ. राघवेंद्र शर्मा के विधायक होने के बाद भी सपा के प्रत्याशी को भाजपा प्रत्याशी की तुलना में 1811 वोट ज्यादा मिले। धर्मेंद्र कश्यप को पूरे विधानसभा क्षेत्र में 1,11,774 तो सपा प्रत्याशी को 1,13,585 वोट मिले। 

विधानसभा क्षेत्र में 426 बूथ हैं जिनमें से तमाम बूथों के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। स्थिति यह है कि धर्मेंद्र कश्यप बूथ 30 से 37 तक 10 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। 65 बूथों पर भाजपा प्रत्याशी को सिर्फ दहाई में वोट मिले। सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य को 57 बूथों पर दहाई के अंक वोट मिले हैं लेकिन किसी भी बूथ पर धर्मेंद्र कश्यप की तरह नीरज मौर्य 10 वोटों से कम पर नहीं सिमटे। बता दें कि चुनाव के दौरान धर्मेंद्र कश्यप ने टिप्पणी की थी कि पप्पू, डब्बू और बब्बू कुछ नहीं कर पाएंगे। इस टिप्पणी को आंवला के तीन विधानसभा क्षेत्रों के प्रमुख नेताओं पर कटाक्ष माना गया था।

बसपा प्रत्याशी आबिद अली को भले ही चुनाव में उम्मीद से ज्यादा वोट मिले लेकिन बिथरी चैनपुर में उनका प्रदर्शन भी दयनीय रहा। उन्हें 212 बूथों पर दहाई के अंक में वोट मिले हैं। यानी इनमें किसी बूथ पर वह सौ की संख्या को पार नहीं कर पाए। इसके अलावा 154 बूथों पर उन्हें 10 वोट भी नहीं मिल पाए। पांच बूथों पर बसपा का खाता तक नहीं खुल सका। निर्दलीय और छोटे दलों के छह प्रत्याशियों में से कोई किसी एक बूथ पर 20 वोट तक नहीं ले पाया। दहाई का आंकड़ा भी वे इक्का-दुक्का बूथों पर ही छू सके। अधिकतर बूथों पर उनका खाता तक नहीं खुल सका।

आंवला में 65 बूथों पर भाजपा को मिले सौ से कम वोट
आंवला विधानसभा क्षेत्र के 342 बूथों में से भी 65 बूथों पर भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र कश्यप सौ वोटों का आंकड़ा नहीं छू पाए। हालांकि बिथरी की तरह ऐसा कोई बूथ नहीं है जहां उन्हें 10 से कम वोट मिले हों। सपा प्रत्याशी को 74 बूथों पर दहाई के अंक में वोट मिले। बसपा को 107 बूथों पर 10 से ज्यादा वोट नहीं मिले। 159 ऐसे बूथ हैं, जहां वह दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। सात बूथों पर बसपा को एक भी वाेट नहीं मिला।

फरीदपुर : भाजपा को 70, सपा को 42 पर सौ से कम वोट
फरीदपुर विधानसभा क्षेत्र के 360 बूथों में से 70 बूथों पर भाजपा प्रत्याशी को सौ से कम वोट मिल पाए। सपा प्रत्याशी के ऐसे बूथों की संख्या 42 ही है। बसपा प्रत्याशी 150 बूथों पर 100 वोट के अंदर सिमट गए। 133 ऐसे बूथ हैं, जहां वह 10 का आंकड़ा नहीं पार कर पाए। यहां भी कई बूथों पर बसपा का खाता नहीं खुल पाया। अन्य प्रत्याशियों में से कोई भी किसी बूथ पर कुल मिलाकर 10 से ज्यादा वोट नहीं पा सका।

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