बिना काम केयरटेकर के नाम पर निकल रहा मानदेय
सार्वजनिक शौचालय के संचालन में धांधली, कईयों का निर्माण पूरा नहीं, कुछ हो गए बेकार

सतरिख, बाराबंकी: अमृत विचार। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत ग्राम पंचायतो में लाखों रुपये की लागत से बनाये गए सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय धारासाईं हो गए है, इनका संचालन भी ठप है। जबकी इन पर तैनात महिला केयर टेकर को प्रतिमाह वेतन भी दिया जा रहा है।
हरख विकास खंड के 75 ग्राम पंचायतों को खुले से शौच को मुक्त करने के लिए ग्राम पंचायतों में करीब आठ लाख रूपये की लागत से सार्वजनिक सामुदायिक शौचालयो का निर्माण कराया गया था। आजीविका मिशन योजना के तहत एक महिला केयर टेकर की नियुक्ति भी की गई थी। जिसका मानेदय करीब 6 हज़ार रूपये प्रतिमाह दिया जा रहा है,लेकिन अधिकांश सार्वजनिक सामुदायिक शौचालयो में ताला बंद रहता है,कुछ शौचालय कभी कभार खुलते ही बंद हो जाते है।
भगवानपुर ग्राम पंचायत में शौचालय बनते ही निष्प्रोज्य हो गया था, सीट टूट गई थी,टोटी गायब हो गई थी,पानी टंकी उलटी पलटी पड़ी हुई थी,इसके अलावा ग्राम पंचायत शेषपुर में बना शौचालय की सफाई कर्मी के द्वारा सफाई नहीं की जा रही है। जिससे झाड़ियों में तब्दील हो चूका है। लाखों रूपए की लागत से बने शौचालय शो पीस बनकर रह गए है। शौचालय ग्रामीणों के काम नहीं आ रहे है। शौचालय का संचालन ब्लॉक के एडीओ पंचायत कार्यालय से कागजों पर हो रहा है7 जबकी जमीनी हकीकत अलग है।, ग्राम पंचायतो को शौचालय हैंडओवर हो जाने के बाद से आज तक एडीओ पंचायत के द्वारा हकीकत नहीं देखी गई है।
नींदनपुर ग्राम पंचायत में मार्च 2022 में सामुदायिक शौचालय की नीव रखी गयी थी। करीब दो साल से अधिक बीत रहे है,लेकिन इसका निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य पूरा हो गया,लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा जान बुझ कर हैंडओवर नहीं किया जा रहा है,यही हाल ग्राम पंचायत सिकंदरपुर का भी है। यहां भी करीब 3 साल से सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय का निर्माण चल रहा है,जो पूरा नहीं हुआ है। बीडीओ मोनिका पाठक ने बताया कि अगर सामुदायिक शौचालय का संचालन बंद है, उसके बाद भी केयरटेकर को मानेदय मिल रहा है तो इस मामले जांच के बाद शौचालय का संचालन भी कराया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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