रामपुर: शीतल जल की ओर वापसी, छह ब्लॉकों में 60 कुओं का होगा जीर्णोद्धार

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Published By Vikas Babu
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सुहेल जैदी, रामपुर: प्रशासन को एक बार फिर कुओं की याद आ गई है। जनपद के छह ब्लॉकों में 60 कुओं का जीर्णोद्धार होगा। प्रत्येक ब्लॉक में 10-10 कुएं साफ कराए जाएंगे, ताकि उनका जल पीने योग्य बनाया जा सके। कुओं का जीर्णोद्धार मनरेगा से कराया जाएगा। इससे भू-गर्भ जल स्तर बेहतर होगा और नई पीढ़ी को एक बार फिर कुओं का शीतल एवं शुद्ध जल पीने को मिलेगा।

जिले में कुओं की तलाश शुरू हो गई है, ताकि बंद पड़े कुओं को दोबारा चालू किया जा सके। हालांकि, कई लोगों ने कुओं को पाट दिया है। कुछ ने घर के पास बने कुओं को पाटकर अपने घर का हिस्सा बना लिया है। राजस्व विभाग पाटे गए कुओं की तलाश में जुट गया है। पुराने अभिलेखों के माध्यम से गांवों में कुओं के स्थानों की पहचान कराई जाएगी। इसके बाद मनरेगा के मजदूरों से पाटे गए कुओं को फिर से पीने योग्य बनाया जाएगा।

उपायुक्त मनरेगा ने बताया कि ब्लॉक सैदनगर में एक कुएं का जीर्णोद्धार किया जा चुका है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. नंद किशोर कलाल ने इस कुएं का निरीक्षण भी किया था। अब लोग उसका पानी पी रहे हैं।

शहर में भी कई कुएं थे और उन्हीं कुओं के नाम पर कई मोहल्ले बसे हैं। फारसी भाषा में कुएं को ‘चाह’ कहा जाता है। इसी कारण शहर में चाह शोर, चाह सोतियान, चाह इच्छाराम, चाह खजान खां, मीठा कुआं, खारी कुआं जैसे मोहल्ले हैं। लेकिन अब इन कुओं पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। ब्लॉक चमरौआ, सैदनगर, टांडा, स्वार, बिलासपुर और शाहबाद में 10-10 कुओं को चिन्हित कर उनका जीर्णोद्धार कराया जाएगा।

कुओं से संवरेगा भू-गर्भ जल स्तर
कुओं की खुदाई के बाद भू-गर्भ जल स्तर में सुधार आएगा। जिले के चार ब्लॉक डार्क ज़ोन में आ चुके थे। लेकिन जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने तालाबों और अमृत सरोवरों की खुदाई करवाई, जिससे जल स्तर में सुधार हुआ है। उपायुक्त मनरेगा का कहना है कि कुओं की खुदाई से भू-गर्भ जल स्तर और बेहतर होगा। इससे नई पीढ़ी को ताजा जल पीने को मिलेगा और स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। गांवों में बच्चों की बीमारियाँ भी कम होंगी।

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