Moradabad News : यूपी पुलिस की नौकरी छोड़ सियासत में रखा था कदम, पार्टी संस्थापक सदस्य थे डीपी यादव
मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव यूपी पुलिस से सिपाही की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखा था। इसके बाद वह पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। लोकसभा चुनाव में जिलाध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद वह मानसिक तनाव में चल रहे थे। उन्होंने घर से निकलना भी बहुत कम कर दिया था। मूल रूप से जनपद बिजनौर के रहने वाले डीपी यादव मझोला थाना क्षेत्र में बुद्धि विहार में रहते हैं।
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव मुदस्सिर खान ने बताया कि डीपी यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। वह प्रदेश सचिव भी रहे हैं। इसके अलावा राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान जिस समय मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष थे, उनकी कमेटी में भी वह जिला महासचिव के पद पर रहे थे। इससे पहले भी उन्होंने जिलाध्यक्ष की कमेटी में महासचिव की भूमिका निभा चुके थे। चुनावों में कई जिलों के प्रभारी भी रहे।
लोक सभा चुनाव में जिलाध्यक्ष पद से हुए थे मुक्त
पंचायत चुनाव के दौरान कमेटी भंग चल रही थी। इसके बाद उन्हें जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप गई थी। विधानसभा चुनाव-2022 में जिले में पांच विधायक चुने जाने के बाद उन्हें पुरस्कार स्वरूप दोबारा जिलाध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव के दौरान डाॅ. एसटी हसन के बजाय रुचि वीरा को प्रत्याशी बनाए जाने की बात का उन्होंने भी विरोध किया था और चुनाव प्रचार में भी शामिल नहीं हुए थे। इसकी शिकायत सपा प्रमुख अखिलेश यादव तक को हुई थी तो उन्होंने डीपी यादव को जिलाध्यक्ष पद से मुक्त कर उनके साले जयवीर सिंह को जिलाध्यक्ष बना दिया था। पद से हटाए जाने से डीपी यादव व्यथित थे और पार्टी हाईकमान से बेहद नाराज चल रहे थे। इसी के बाद से उन्होंने घर से निकलना भी बिल्कुल बंद ही कर दिया था। चुनाव के दौरान भी उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई और वह स्वयं भी प्रचार में भी दिखाई नहीं दिए।
सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता है बेटी
मृतक डीपी यादव के परिवार में पत्नी, बेटी और बेटा है। बेटी अंजलि सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने के साथ ही अपनी संस्था चलाती हैं, जो पीड़ित लड़कियों को न्यायिक मदद दिलाने का कार्य करती है। बेटा भी अधिवक्ता है।