पाकिस्तान : अब विधानसभा सदस्य बोल सकेंगें पंजाबी समेत 4 स्थानीय भाषा, विशेष समिति से मिली अनुमति
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा के सदस्य अब सदन में अंग्रेजी और उर्दू के अलावा पंजाबी समेत कम से कम चार स्थानीय भाषाओं में बोल सकेंगे। इस संबंध में एक संशोधन किया गया है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष मलिक मुहम्मद अहमद खान की अध्यक्षता वाली सदन की एक विशेष समिति ने बृहस्पतिवार को उन संशोधनों को मंजूरी दे दी जिनमें सदस्यों को सदन में अंग्रेजी और उर्दू के साथ ही पंजाब, सराइकी, पोठोहारी तथा मेवाती में संबोधन की अनुमति होगी।
इससे पहले किसी सदस्य को अंग्रेजी और उर्दू के अलावा अन्य किसी भाषा में बोलने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति लेनी होती थी जो हमेशा नहीं मिलती थी। पाकिस्तान में फिलहाल 60 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। उर्दू यहां की राष्ट्रीय भाषा है और 75% से अधिक पाकिस्तानी इसे समझते हैं, लेकिन केवल 7% आबादी की प्राथमिक भाषा है। पंजाबी यहां की सबसे आम भाषा है, जो 38.78% आबादी की पहली भाषा है।
आपको बता दें कि पंजाबी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की आधिकारिक भाषा है और देश की 30% से अधिक आबादी की मूल भाषा के रूप में भी कार्य करती है। देश के सबसे बड़े प्रांत पाकिस्तान में 70 मिलियन से अधिक वक्ताओं के साथ, पंजाबी उर्दू और अंग्रेजी के अलावा सबसे अधिक बोली जाने वाली भी भाषा है।
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