शाहजहांपुर: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कैद, कोर्ट ने सुनाई सजा

शाहजहांपुर: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कैद, कोर्ट ने सुनाई सजा

शाहजहांपुर,अमृत विचार: रोजा क्षेत्र में वर्ष 2021 में तमंचे के बल पर नाबालिग से दुष्कर्म के मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कक्ष संख्या 42 के न्यायाधीश मनोज कुमार सिद्धू ने दोष सिद्ध होने पर एक अभियुक्त को 20 वर्ष के कारावास की सजा और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। 

रोजा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 11 सितंबर 2021 को रोजा थाने पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया कि पांच माह पहले उसकी 13 वर्षीय बेटी सुबह आठ बजे गन्ने के खेत में शौच करने गई थी, तभी वहां शेरपुर सरसवां निवासी मंजेश पहुंच गया और उसने बेटी को पीछे से पकड़ लिया। इसके बाद अंदर गन्ने के खेत में खींच ले गया। 

बेटी के विरोध करने पर उसने बेटी के सीने पर तमंचा रख दिया और शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया। इसके बाद फिर धमकी दी कि यदि कहीं शिकायत की तो परिवार के लोगों व भाई को जान से मार देंगे। इससे बेटी ज्यादा डर गई और लोक लाज व परिवार और भाई की हत्या की धमकी के कारण चुप रही और मंजेश लगातार बेटी के साथ दुष्कर्म करता रहा। इस काम में उसके भाई रवि और ब्रजेश भी साथ देते रहे। 
बेटी में शारीरिक परिवर्तन आने पर जब उससे पूछा गया, तब बड़ी मुश्किल से उसने रोते हुए घटना के बारे में जानकारी दी। पीड़िता की मां की तहरीर पर पुलिस ने मंजेश और उसके भाइयों रवि और ब्रजेश के खिलाफ धारा 376,506 व 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के उपरांत मंजेश के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। 

अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कक्ष संख्या 42 में मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और शासकीय अधिवक्ता राजीव अवस्थी के तर्को को सुनने के बाद न्यायाधीश मनोज कुमार सिद्धू ने पत्रावली का अवलोकन कर दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त मंजेश को 20 वर्ष के कारावास की सजा और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। 

कोर्ट में बदली गई धारा
मुकदमा विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र के निस्तारण में न्यायालय ने 24 मार्च 2023 को धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के स्थान पर धारा  धारा- 5 (जे) (दो)/6 पॉक्सो एक्ट में परिवर्तित किया गया और इसी के तहत उसे 20 साल की सजा सुनाई गई।

चिकित्सीय परीक्षण में गर्भवती पाई गई पीड़िता 
मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। अल्ट्रासाउंड कराए जाने पर वह 27 सप्ताह तीन दिन की गर्भवती पाई गई। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के गर्भवती पाए जाने का कोर्ट में साक्ष्य रखा गया। पीड़िता की उम्र मेडिकल रिपोर्ट में 16 वर्ष पाई गई जबकि शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर उसकी उम्र 17 वर्ष बताई गई थी।

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