Hello! मैं SDM बोल रहा हूं, मतदाता पर्ची मिली की नहीं, मतदान प्रतिशत बढ़ाने में जुटा है प्रशासनिक अमला

सुलतानपुर, अमृत विचार। घटते मतदान प्रतिशत को लेकर चिंतित निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बड़ी कवायद की है। जिसके लिए अधिकारियों व कर्मचारियों ने जमकर पसीना बहाया है। वहीं स्कूल और कॉलेजों में मतदाता जागरूकता के लिए रैली, प्रतियोगिता व नुक्कड़ नाटक भी किया गया। मतदान केन्द्र तक पहुंचने में असमर्थ बुजुर्गों व दिव्यांगों का घर घर जा कर पोस्टल बैलेट से मतदान कराया है।
चुनाव ड्यूटी में लगी बीएलओ मतदाताओं से मिल कर उनकी निर्वाचन की पर्ची घर जाकर देते हुए मतदान के लिए प्रेरित कर रही है। एसडीएम अन्य कर्मचारियों से इसकी जांच पड़ताल कराते हुए स्वयं फोन कर हकीकत जान रहें हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं को फोन कर उन्हे मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वही चुनावी शोर बंद होने के बाद निर्वाचन आयोग की गाड़ियां क्षेत्रों में लोगो को मतदान के लिए प्रेरित कर रही है।
बुर्जुग व दिव्यांगों का घर पर हुआ मतदान
मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर निर्वाचन आयोग ने विधान सभा स्तर पर 85 प्लस बुर्जुग व 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों को चिन्हित कराया। इस दौरान 85 प्लस के 445 मतदाता तो 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों की संख्या 298 मिली। जिले की पांचों विधानसभा में 105 कार्मिकों की 35 टीम बना घर घर जा कर चार दिन मतदान कराया था। वहीं, निर्वाचन में लगे कार्मिकों का भी पोस्टल बैलेट से मतदान कराया गया।
चुनाव में लगे वाहन चालकों का नहीं कराया गया मतदान
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चिंहित 743 बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओ के लिए 105 कार्मिक 35 टीमों में चार दिनों तक घर घर गए। तब भी पूरा मतदान नहीं करा पाएं। वही पोलिंग पार्टियों को बूथ तक छोड़ने व मतदान के बाद उन्हें वापस लाने चुनाव में लगे अधिकारियों के वाहनों के चालक मतदान से वंचित हो रहे हैं।
जिनकी संख्या पांच हजार से अधिक है। 743 मतदाताओं के लिए घर घर टीम गई वही दो दिन वाहन के साथ खड़े चालकों से पोस्टल बैलेट से मतदान कराना निर्वाचन आयोग उचित नहीं समझा। निर्वाचन आयोग की पहल पर इस बार कितना मतदान प्रतिशत बढ़ा है, शनिवार की देर शाम स्पष्ट हो जायेगा।
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