शाहजहांपुर: युवती को जलाकर मारने की कोशिश में एक अभियुक्त को उम्रकैद

शाहजहांपुर: युवती को जलाकर मारने की कोशिश में एक अभियुक्त को उम्रकैद

शाहजहांपुर, अमृत विचार। युवती को जलाकर मार डालने के प्रयास के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दशम के न्यायाधीश ने आरोप सिद्ध होने पर एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा और 45 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी की तीन बेटियां 14 जनवरी 2017 को घर के बाहर शौच कर घर को आ रही थीं। जैसे ही तीनो बेटियां घर के पास पहुंची, तभी खुटार के गांव रौतापुर कलां निवासी तिलकराम के बेटे राजपाल ने 19 वर्षीय एक बेटी के ऊपर मिट्टी तेल की पिपिया उड़ेल दी और माचिस की तीली जलाकर आग लगा दी। वह चीखती-चिल्लाती हुई घर की ओर भागी। 

बेटी की चीख पुकार सुनकर पिता घर से बाहर आया तो देखा कि राजपाल भाग रहा था, भागते समय राजपाल ठोकर खाकर खड़ंजे पर गिर गया। वहीं आग लगने से बेटी बुरी तरह से झुलस गई। मोहल्ले के लोगों ने जैसे-तैसे आग पर काबू पाया। बेटी को गंभीर झुलसी अवस्था में खुटार सीएचसी से शाहजहांपुर के लिए रेफर कर दिया। पीड़िता 63 प्रतिशत झुलस गई। मामले की तहरीर खुटार पुलिस को दी गई। 

पुलिस ने राजपाल के खिलाफ हत्या के प्रयास आदि धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना के उपरांत मामला न्यायालय भेज दिया। इस घटना में पीड़िता के दोनों कान खत्म हो गए और उसका चेहरा देखने लायक नहीं रह गया। 

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दशम के  कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा के तर्को को सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद  न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने हत्या के प्रयास का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त राजपाल को आजीवन कारावास की सजा और 45 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। कुल अर्थदंड की धनराशि पीड़िता को नियमानुसार प्रतिकर के रूप में दिए जाने के आदेश दिए।

शादीशुदा होने के बावजूद भी पीड़िता को पाना चाहता था अभियुक्त
घटना के वक्त अभियुक्त राजपाल की उम्र 28 वर्ष थी और उसकी शादी हो चुकी थी, इसके बावजूद भी वह पीड़िता का पाना चाहता था। अपनी चाहत को पूरा करने के लिए उसने पीड़िता को परेशान किया, छेड़खानी की। मगर पीड़िता के बार-बार इनकार किए जाने से क्षुब्ध होकर उसने पीड़िता को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया, जिससे उसका चेहरा देखने लायक तक नहीं रह गया।   

कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, फिर सुनाई सजा
कोई भी मनुष्य जिंदगी में एक बार मरता है लेकिन पीड़िता जब-जब आइना देखेगी, तब-तब वह मरेगी और बार-बार यही सोचेगी कि उसने जन्म ही क्यों लिया और जन्म लिया ही तो लड़की का जन्म क्यों लिया। ऐसे में अभियुक्त को कड़ी से कड़ी सजा दिया जाना न्यायोचित है।

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