कासगंज: महाविद्यालाय की लापरवाही से अधर में लटका कई छात्राओं का भविष्य, डेढ़ दर्जन छात्राएं री-एग्जाम से रह गईं वंचित

कासगंज: महाविद्यालाय की लापरवाही से अधर में लटका कई छात्राओं का भविष्य, डेढ़ दर्जन छात्राएं री-एग्जाम से रह गईं वंचित

कासगंज, अमृत विचार। शहर के शारदा देवी जौहरी कन्या महाविद्यालाय में लापरवाही से कई छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। समय से री-एग्जाम की सूचना न मिलने के कारण छात्राएं परीक्षा से वंचित रह गईं। अब उनके परिजनों एवं छात्राओं ने कॉलेज में पहुंचकर आक्रोश जताया है और कड़ी चेतावनी दी है। साथ ही न्यायालय का सहारा लेने की बात कही है। 

कोरोना काल में जिन छात्राओं को पदोन्नत किया गया था उनके परीक्षाएं 2022-23 में हुई। इनमें अनुत्तीर्ण रहने वाली छात्राओं का री-एग्जाम होना था। विश्वविद्यालय ने इसकी सूचना दे दी थी। विद्यार्थियों ने आवेदन किए, इसके लिए समय-समय पर छात्राओं ने महाविद्यालय पहुंचकर लिपिक से संपर्क किया और री-एग्जाम की तिथि पूछी। आरोप है कि री-एग्जाम की तिथि नहीं बताई गई। जिसके कारण बीती 28 मार्च को ही परीक्षा छूट गई। 

अब जाकर छात्राओं को जब परीक्षा छूटने की जानकारी हुई तो उनमें आक्रोश पनप गया और छात्राओं ने अभिभावक के साथ महाविद्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रानू शर्मा, पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि राजेंद्र बौहरे के समक्ष अपना पक्ष रखा। साथ ही प्राचार्य ने भरोसा दिया कि महाविद्यालय से संपर्क कर छात्राओं की समस्या का समाधान प्राथमिकता से कराएंगे। 

इधर जानकारी मिलने पर अधिवक्ता सत्येंद्र पाल सिंह, चेतेंद्र सिंह भी विद्यालय पहुंच गए और उन्होंने चेतवानी दी कि न्यायालय की ओर से नोटिस दिया जाएगा। छात्रा प्रिया, रानी, दीक्षा, माधवी, नेहा, दिशा, सहित लगभग 18 छात्राएं परीक्षा से वंचित रह गई हैं। अब उन्हें भविष्य का खतरा सता रहा है। 

इन छात्राओं का परीक्षा केंद्र एटा के महाविद्यालय में था। कोरोना काल में पदोन्नत हुई छात्राओं की यह परीक्षा थी। महाविद्यालय में नगर पालिका से गोविंद नाम के बाबू को संबद्ध किया गया है। छात्राएं उन्हीं के संपर्क में रही। बाबू से इतनी पड़ी चूक कैसे हो गई इसके लिए फटकार लगाई है। हम महाविद्यालय के नियंत्रक के संपर्क में है। जिन छात्राओं की परीक्षा छूटी उनसे प्रार्थना पत्र ले लिया गया है और महाविद्यालय के संपर्क में रहकर उनकी समस्या का समाधान कराने का प्रयास है। - डॉ. रानू शर्मा, प्राचार्य एमजी डिग्री कॉलेज

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