Lok Sabha Elections 2024: BJD, BJP, कांग्रेस में कालाहांडी में बदलाव का श्रेय लेने की मची होड़, नए चेहरे उतारे 

Lok Sabha Elections 2024: BJD, BJP, कांग्रेस में कालाहांडी में बदलाव का श्रेय लेने की मची होड़, नए चेहरे उतारे 

भवानीपाटणा (ओडिशा)। एक समय 1980 के दशक में सूखे और भुखमरी से होने वाली मौतों के लिए कुख्यात पश्चिमी ओडिशा के कालाहांडी लोकसभा क्षेत्र की सूरत ही बदल गयी है और विभिन्न राजनीतिक दलों में इसके विकास का श्रेय लेने की होड़ मच गयी है। ऐसा लगता है कि इंद्रावती सिंचाई परियोजना और संशोधित दीर्घकालिक कार्य योजना (आरएलटीएपी) जैसी योजनाओं ने इस क्षेत्र के लिए चमत्कार किया है। 

बीजू जनता दल (बीजद), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में क्षेत्र में उनके उम्मीदवार की जीत होने पर और विकास करने का वादा किया है। तीनों दलों ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लोकसभा चुनाव के लिए नए चेहरे उतारे हैं कि कालाहांडी ने पिछले तीन संसदीय चुनाव में हर बार नए सांसद का चुनाव किया है। 

कालाहांडी सीट से 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस के भक्त चरण दास ने जीत दर्ज की थी जबकि बीजद के अर्क केशरी देव और भाजपा के बसंत कुमार पांडा ने क्रमश: 2014 और 2019 में जीत दर्ज की थी। बीजद ने इस सीट से इस बार लंबोदर नियाल और भाजपा ने मौजूदा सांसद के स्थान पर मालविका केशरी देव को उम्मीदवार बनाया है जो कालाहांडी के शाही परिवार की सदस्य हैं। 

कांग्रेस ने आदिवासी समुदाय की सदस्य द्रौपदी माझी को प्रत्याशी बनाया है। बीजद नेता सुजीत कुमार ने दावा किया कि कालाहांडी में अब एक हवाई पट्टी, एक मेडिकल कॉलेज, एक विश्वविद्यालय और कई अन्य परियोजनाएं हैं जो उसकी स्थिति में आए बदलाव को दर्शाती हैं। कालाहांडी का पूर्ववर्ती ‘भुखमरी क्षेत्र’ अब राज्य में धान का प्रमुख उत्पादक है। यह क्षेत्र बारगढ़ के बाद राज्य की खाद्य सुरक्षा के दूसरे सबसे अधिक योगदानकर्ताओं में से एक है।

उन्होंने इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रयासों को दिया जिसके कारण कालाहांडी की सूरत ही बदल गयी। बीजद के कालाहांडी के लोकसभा उम्मीदवार लंबोदर नियाल के लिए प्रचार करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता वी के पांडियन ने कहा, ‘‘परिवार का मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आप सभी का ध्यान रखा है। 

उन्होंने बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना उपलब्ध करायी, स्कूलों में बदलाव, अस्पतालों में सुधार किया और कालाहांडी में अन्य कार्य किए।’’ भाजपा ने भी कालाहांडी के बदलाव के लिए श्रेय लेने का प्रयास किया। भाजपा के मौजूदा सांसद बसंत कुमार पांडा ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में 3,000 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की गयीं। पांडा ने दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने क्षेत्र में दूरसंचार संपर्क में भी सुधार किया जिससे लोग काफी खुश हैं। 

भाजपा ने इस बार मालविका केशरी देव को खड़ा किया है क्योंकि कालाहांडी के शाही परिवार का कालाहांडी के मतदाताओं पर विशेष प्रभाव माना जाता है। शाही परिवार के सदस्य 1952 से लेकर अब तक नौ बार लोकसभा में निर्वाचित हुए हैं। मालविका ने विश्वास जताया कि वह गरीब जनता से अपने संपर्क के आधार पर इस बार पर भी अपने परिवार की इस परंपरागत सीट पर जीत दर्ज करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘लोग मुझे आशीर्वाद दे रहे हैं। यह कालाहांडी में मेरी जीत का स्पष्ट संकेत है।’’ 

आदिवासी नेता और कांग्रेस प्रत्याशी द्रौपदी माझी ने एक ग्राम सरपंच के रूप में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी और अपनी पार्टी की जिला परिषद सदस्य भी बनीं। उन्हें भी चुनाव में जीत हासिल करने की उम्मीद है। माझी ने कहा, ‘‘बीजद और भाजपा दोनों ने विकास के नाम पर लोगों से विश्वासघात किया है। केवल कांग्रेस ने ही आदिवासी, दलितों और गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी है। इस बार निश्चित तौर पर लोग मुझे और मेरी पार्टी को आशीर्वाद देंगे।’’ 

उन्होंने यह भी दावा किया कि कालाहांडी के आदिवासी लोगों का गांधी परिवार से विशेष जुड़ाव है और वे ‘हाथ’ चुनाव चिह्न को चुनेंगे। कालाहांडी लोकसभा सीट के तहत सात विधानसभा क्षेत्र - नुआपाड़ा जिले में नुआपाड़ा और खड़ियार, कालाहांडी जिले में लाजीगढ़, जूनागढ़, धर्मगढ़, भवानीपाटणा और नारला आते हैं। इस सीट पर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को मतदान होगा। 

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Elections 2024: 'बस स्टॉप निर्माण को लेकर MLA व MP लेते हैं कमीशन, मैंने भी लिया', MP के पूर्व मंत्री का दावा