शाहजहांपुर: इलेक्ट्रिक बसें यात्रियों को देने लगीं दगा, बस के अंदर गर्मी और धूल से लोगों को हो रही घुटन 

कम तापमान पर चलाई जाती है एसी, एग्जास्ट भी ज्यादातर रहता है बंद 

शाहजहांपुर: इलेक्ट्रिक बसें यात्रियों को देने लगीं दगा, बस के अंदर गर्मी और धूल से लोगों को हो रही घुटन 
डेमो

शाहजहांपुर, अमृत विचार। जिले में संचालित इलेक्ट्रिक बसें अब यात्रियों को दगा देने लगीं हैं। यात्रियों को एसी का मजा नहीं बल्कि गर्मी में तपन और बस के अंदर दराजों से पहुंची धूल से घुटन से जूझना पड़ रहा है। परिचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे अफसर वेपरवाह बने हुए हैं, शिकायत करने पर बस नंबर के आधार पर ड्राइवर और कंडक्टर पर कार्रवाई की बात कह कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दे रहे हैं।

जिले में 25 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है, इनमे से सबसे अधिक 15 बसें पुवायां रूट पर चल रहीं हैं, जो कि खुटार-बंडा तक जाती हैं। छह बसों का संचालन निगोही-बीसलपुर तक होता है और बाकी बसें जलालाबाद रूट पर चलतीं हैं। शाहजहांपुर से पुवायां तक प्रति यात्री परिवहन निगम की बस में 41 रुपये किराया है, जबकि इलेक्ट्रिक बस में  45 रुपया किराया है। एसी सुविधा होने की वजह से आराम पसंद यात्री परिवहन निगम की बस को छोड़कर इलेक्ट्रिक बस में सफर करना चाहता है और यही वजह है कि इस रूट पर इलेक्ट्रिक बसें सबसे अधिक कमाई कर रही हैं। इसके बावजूद भी यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। 

कभी एसी को बंद कर देना और कभी कम तापमान पर एसी चलाया जाता है, जिससे यात्रियों को इस भीषण गर्मी में ठंडक का अहसास नहीं होता। उसे दिक्कतों के साथ सफर तय करना पड़ रहा है। चूंकि शाहजहांपुर-पुवायां रोड निर्माणाधीन है, इसलिए बस के अंदर धूल भी भर जाती है, जिससे यात्रियों को घुटन महसूस होने लगती है।  इसके बावजूद भी ड्राइवर अपने मनमुताबिक ही एग्जास्ट चलाता है। परिवहन निगम की बस में 41 रुपये और की अपेक्षा चार रुपये अधिक खर्च करके जिस उम्मीद के साथ यात्री इलेक्ट्रॉनिक बस में बैठता है, उसकी इस उम्मीद पर पानी फिर जाता है, ड्राइवर-कंडक्टर से बहस करने में जलालत और झेलनी पड़ती है।   

नहीं रह गया बैटरी में पहले वाला बेकअप
इलेक्ट्रानिक बस संख्या यूपी 27 बीटी 4684 ककरा चार्जिंग स्टेशन से सोमवार सुबह 7:35 बजे निकली। रास्ते में सवारियों को लेते रोडवेज बस स्टैंड से पुवायां रूट के लिए सफर तय किया। रूट पर दो चक्कर लगाने के बाद बस पुवायां से होकर जब तक शाहजहांपुर पहुंची, एसी सिस्टम जवाब दे गया था। खचाखच भरी बस में तेज धूप के साथ अंदर गर्मी बढ़ने लगी। यात्रियों ने शिकायत दर्ज कराई तो एसी चालू कर दिया गया लेकिन बस स्टैंड पर पहुंचते-पहुंचे एसी फिर बंद हो गई। कुछ यात्री जिन्हें रोडवेज बस स्टैंड से अंदर जाना था, उन्होंने जब कंडक्टर से एसी बंद होने के बारे में जानकारी की तो पता चला कि बैटरी डाउन हो गई है, लंबे समय से जिन बैटरियों के सहारे बसों को चलाया जा रहा है, उनमें अब वह बेकअप नहीं रह गया है।

एसओसी बचाने पर मिलता है प्रोत्साहन
बातचीत के दौरान इलेक्ट्रिक बसों के एक टीआई ने बताया कि चार्जिंग प्वाइंट ककरा कलां से निकलने वाली इन बस के ड्राइवरों के लिए वाध्यता होती है कि निर्धारित चक्कर लगाने के बाद बस जब चार्जिंग प्वाइंट पर पहुंचे तो बैटरी का बेकअप कम से कम 22 प्रतिशत होना चाहिए, ऐसा करने वाले ड्राइवरों को आखिरी माह देखा जाता है कि महीने में किस ड्राइवर ने कितनी बैटरी बचाकर दी, जिस ड्राइवर ने ज्यादा बैटरी बचाकर दी, उसे उसी अनुपात में प्रोत्साहन दिया जाता है। 

सभी ड्राइवरों और कंडक्टरों से कहा जा चुका है कि यदि बस में किसी तरह की कोई दिक्कत है, तो उसे ग्रुप में डाल दो, समस्या का समाधान कर दिया जाएगा, इसके बावजूद भी यदि कोई लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिस बस संख्या यूपी 27 बीटी 4684 के बारे में शिकायत की गई है, उसका एसी सही करा दिया गया है-सीपी पांडेय, परिचालन प्रबंधक, इलेक्ट्रिक बस, नगर निगम।

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