Loksabha election 2024: बाराबंकी में एक को छोड़ हाथी के सहारे कोई नहीं पहुंचा दिल्ली

Loksabha election 2024: बाराबंकी में एक को छोड़ हाथी के सहारे कोई नहीं पहुंचा दिल्ली

रीतेश श्रीवास्तव/ बाराबंकी, अमृत विचार। बाराबंकी लोकसभा सीट पर अब तक सिर्फ एक बार हाथी अपनी चाल से जीत का स्वाद चखा है लेकिन इसके बाद उसकी ताकत खत्म होती चली गई। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह लोकसभा चुनावों में कभी भी रनर की भूमिका में नहीं दिखा। नंबर तीन तो कभी नंबर चार पर आकर खामोश हो गया। हालांकि हाथी की सवारी करने वाले महावत के रुप में छह बार प्रत्याशी बदले लेकिन एक को छोड़ कोई भी हाथी की ताकत के दम पर दिल्ली तक नहीं पहुंच सका।

जिले में अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं। इनमें सन् 1989 में पहली बार बहुजन समाजपार्टी चुनाव मैदान में उतरी थी। हाथी की सवारी पर प्रत्याशी के रूप में पहली बार विजय कुमार बैठे थे लेकिन वह हाथी की ताकत को नहीं दिखा नहीं सके। और तीसरे नंबर पर आकर सिमट गए। इन्हें मात्र 76874 वोट मिले थे। इसके बाद 1991 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने नए महावत के रूप में शत्रोहन लाल को मैदान में उतारा लेकिन वह तो विजय कुमार से ही फिसड्डी साबित हुए। इस चुनाव में इन्हें मात्र 48412 मतों से ही संतोष करना पड़ा था। इसके बाद सन् 1996 के चुनाव में भले ही बसपा के एक और नए महावत आनंद प्रकाश गौतम तीसरे ने तीसरे नंबर पर रहकर 86001 मत हासिल करने में आगे रहे लेकिन वह भी लगातार तीसरे चुनाव में बसपा के हाथी को मुकाम तक नहीं पहुंचा पाए।

वहीं 1998 के चुनाव में इतना जरूर रहा है एक और नए प्रत्याशी रामदुलारे रावत ने जरूर 1,01,518 वोट हासिल किए और तीसरे नंबर पर रहे लेकिन इस बार भी हाथ की ताकत काम नहीं आई। इसी के अगले साल 1999 में हुए चुनाव में नए महावत संतबली सिद्धार्थ ने 1,09,472 मत तो पा गए लेकिन संसद बन दिल्ली पहुंचने का सपना उनका भी पूरा नहीं हो सका। लगातार पांच बार के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद सन् 2004 में अचानक हाथी ने अपनी ताकत और चाल से ऐसी छलांग मारी की अपने प्रत्याशी रूपी महावत के रुप में कमला प्रसाद रावत को सांसद के रुप में दिल्ली तक पहुंचा दिया। इस चुनाव में कमला रावत को 1,96,368 वोट मिले। जो बसपा का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है लेकिन इसके बाद वर्ष 2009 और 2014 के चुनाव में दोबारा दिल्ली तक हाथी नहीं पहुंचा। इसके बाद  2019 के लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन कर पार्टी और स्वयं दिल्ली पहुंचने का रास्ता ही बंद हो गया।

2024 में अब तक घोषित नहीं प्रत्याशी 
18वीं लोकसभा चुनाव में बसपा ने अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। ऐसे में अभी तक भाजपा और इंडिया गठबंधन प्रत्याशी के बीच ही जोरदार मुकाबला देखने को मिल रहा है। बसपा द्वारा प्रत्याशी घोषित करने के बाद  चुनाव किस ओर करवट बदलेगा यह तो प्रत्याशी का चेहरा देखने के बाद भी कहा जा सकता है। फ़िलहाल 26 अप्रैल से नामांकन का दौर शुरु हो रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि इससे पहले बसपा अपने पत्ते खोल सकती है।

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