World Earth Day 2024: कोई नही उतार रहा धरती का कर्ज, खिलवाड़ होने से सूख रहे पेड़...पर्यावरण को पहुंच रहा नुकसान

प्रतिबंधित पॉलीथिन से जल, हरियाली और पर्यावरण को पहुंच रहा नुकसान

World Earth Day 2024: कोई नही उतार रहा धरती का कर्ज, खिलवाड़ होने से सूख रहे पेड़...पर्यावरण को पहुंच रहा नुकसान

उन्नाव, (अमन सक्सेना)। 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। जहां राजनैतिक, समाजसेवी के अलावा अन्य लोग पृथ्वी को संरक्षित रखने के लिये उस दिन पर्यावरण के हित में कार्य करते हुये सोशल मीडिया वर वाहवाही बटोरते हैं। उसके दूसरे दिन से ही सभी पृथ्वी के साथ खिलवाड़ करने लगते हैं। जिस कारण जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जुड़े अन्य कारक तेजी से बढ़ रहे हैं। उसी का नतीजा है कि पेड़, पौधे सूखते जा रहे हैं और नदी, नहरों का पानी भी दिनों दिन सिमटता चला जा रहा है।

बता दें हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। जहां पर्यावरण के प्रति जागरूकता और पृथ्वी को बचाने के लिये लोग तमाम प्रयास कर रहे हैं। इतना ही नहीं पृथ्वी को बचाने के लिये तरह-तरह के संकल्प भी लेते हैं। इसके बावजूद अधिकांश लोग अपने संकल्प को भूल जाते हैं और पृथ्वी से खिलावाड़ करते चले जा रहे हैं।

जिस कारण पेड़ पौधे सूखते जा रहे हैं। वहीं प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग होने से नदी, तालाबों पर पानी की जगह सिर्फ पॉलीथिन ही नजर आ रही हैं। वहीं सभी मुख्य बाजारों और दुकानों में वर्तमान समय पर खुलेआम पॉलीथिन का प्रयोग किया जा रहा है। सब्जी से लेकर अन्य खाने-पीने की वस्तुएं पॉलीथिन में दी जा रही हैं। जिससे तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है। कई बार प्रशासन ने पॉलिथिन के विरूद्ध अभियान भी चलाया लेकिन उसे अमलीजामा नहीं पहना सके। जिस कारण भारी मात्रों में प्रतिदिन पॉलीथिन का प्रयोग हो रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों की आवोहवा दूषित होने से सूख रहे पेड़

उन्नाव अंतर्गत जाजमऊ क्षेत्र में कई अवैध ग्लू भट्ठियां मानकों को ताक पर रखकर संचालित हो रही हैं। उनसे निकलने वाला जहरीला धुंआ जहां पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। वहीं लोगों को भी तरह-तरह की बीमारियां दे रहा है। जिस कारण हरे पेड़ भी सूखते जा रहे हैं।

गंगा में फेंकी जा रही पॉलीथिन

शुक्लागंज और कानपुर से आने जाने वाले राहगीरों को अक्सर नवीन पुल पर खड़े होकर गंगा में पॉलीथिन में भरकर पूजन सामग्री के अलावा अन्य सामान को फेंकते हुये साफ देखा जा सकता है। जिस कारण गंगा का जल भी प्रदूषित हो रहा है।

ये भी पढ़ें- Unnao News: अग्निश्मन केंद्र बनकर तैयार, शुरू होने का इंतजार...विभागीय अफसरों की लापरवही से अब तब नहीं शुरू हुआ संचालन