Unnao News: आसमान से बरस रही आग, नहरों में पानी न होने से खेतों में दरारें

देवगांव रजबहे में सिल्ट न निकाले जाने से माइनर हुई पूरी तरह से चोक

Unnao News: आसमान से बरस रही आग, नहरों में पानी न होने से खेतों में दरारें

उन्नाव, अमृत विचार। योगी सरकार लगातार किसानों के हित की बात कर रही है। जबकि, संबंधित विभाग के अफसर अपनी गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली से किसानों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वर्तमान में जब किसानों को सबसे अधिक पानी की जरूरत है तब नहरें सूखी पड़ी हैं। आम सहित उड़द व मूंगफली आदि फसलों की सिंचाई के लिए इस समय किसानों को नहर के पानी की बेहद जरूरत है।

स्थिति यह है कि क्षेत्र की नहरों के साथ नाले भी सूखे पड़े हैं। उनमें अब तक पानी नहीं आया है। इससे क्षेत्र के हजारों किसान परेशान हैं। सिंचाई न होने से किसानों को उड़द, बाजरा व मक्का आदि फसल सूखने का डर सता रहा है। वहीं, अधिकांश आम बागवान भी बागों की सिंचाई इसी शारदा नहर से ही करते हैं। इसे लेकर किसानों ने सिंचाई विभाग के अफसरों से कई बार बात की है। लेकिन, स्थिति जस की तस बनी हुई है।

सफीपुर तहसील क्षेत्र के गावों में शारदा नहर से मुख्य रूप से पानी सप्लाई किया जाता है। यह पानी क्षेत्र के सैकड़ों गावों तक पहुंचता है। इसके अलावा शारदा नहर से सफीपुर व हसनगंज तहसील में भी करीब दो दर्जन रजबहों में भी पानी जाता है। जिससे सैकड़ों गावों के किसानों को इसका लाभ मिलता है।

लेकिन नहर में पानी न आने से किसान उड़द, बाजरा, मक्का, गन्ना व मूंग सहित अन्य फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। स्थिति यह है कि सिंचाई न होने से खेतों में नमी खत्म हो गई है। जिससे खेतों में दरारें आने लगी हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।  
पानी न होने से सूखी पड़ी नहरें, ट्यूबवेल से कर रहे सिंचाई

अटवा निवासी सावल कुमार, रैयामऊ निवासी संतोष यादव, गुरधरी निवासी सुनील, मवईलाल निवासी पूर्व प्रधान प्रतिनिधि भगवानदीन, खरगौरा निवासी अजय प्रताप सिंह, लहबरपुर निवासी पूर्व प्रधान नान्हे सिंह का कहना है कि किसानों की फसल पानी न आने से सूख रही है। आर्थिक रूप से मजबूत किसान तो ट्यूबवेल से खेत सींच रहे हैं। लेकिन, गरीब किसान डीजल महंगा होने से इसमें असमर्थ हैं।

अगर वे ट्यूबवेल से सिंचाई कराते भी हैं तो इतनी लागत आ जायेगी कि उन्हें फसल तैयार होने पर घाटा उठाना पड़ेगा। ऐसे में इस समय नहर में पानी अति आवश्यक है। जिसे लेकर नहर विभाग के अफसरों से बात भी की गई लेकिन उन्होंने मामला उच्चाधिकारियों पर डालते हुए अपना पक्ष झाड़ लिया। मांग की गई कि जनप्रतिनिधि व सिंचाई विभाग इस पर ध्यान दे और जल्द से जल्द नहर में पानी छोड़े। ताकि खेतों की सिंचाई की जा सके। 

सर्वाधिक इन फसलों को हो रहा है नुकसान 

नहर के सूखने से सर्वाधिक नुकसान आम की फसल को हो रहा है। क्योंकि पेड़ों में बौर आ चुका है और अमिया भी कटने लगी है। इस समय पानी की सबसे अधिक जरूरत आम बागानों को है। वहीं इस समय गन्ना, हरी सब्जियां, पिपरमिंट, मूंग व उड़द की फसल को भी पानी की बेहद जरूरत है।

देवगांव रजबहे की सिल्ट साफ न होने से माईनर हुई चोक

नहर से निकले रजबहे से सिल्ट की सफाई न होने से माइनर चोक हो गई है। जिससे सिंचाई करना लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। जिसके तहत करीब एक दर्जन से अधिक गावों के किसानों की फसलें सूख रही हैं। निर्धन किसान ट्यूबवेल से सिंचाई नहीं कर सकता। इससे रजबहे की सफाई न होने से उनमें आक्रोश है। 

देवगांव रजबहे के अंतर्गत आने वाले गांव

देवगांव रजबहा अंतर्गत आने वाले गांव मुंडा, मून्नूखेड़ा, गुरधरी, ओसियां, रैयामऊ, रहीमाबाद, निबहा, अटवा, मवईलाल, मवईभान, ब्रजपालपुर, मीरनगर, निहालपुर, भैसहरा, देवगांव आदि से होते हुए रसूलाबाद माइनर में मिलता है। एक वर्ष से सफाई न होने से इसमें सिल्ट जमने से यह चोक हो गई है।

बोले जिम्मेदार… 

इसे लेकर सिंचाई खंड उन्नाव के क्षेत्रीय अवर अभियंता अतुल उपाध्याय ने कहा कि बीते वर्ष इसका प्राक्कलन शासन को भेजा गया था। लेकिन, धन प्राप्त नहीं हुआ था। इस वर्ष फिर से प्राक्कलन भेजा गया है। जो स्वीकृति हो गया है। खरीफ के फसल से पहले सफाई करवा दी जायेगी।

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