आज तक न बसें रुकीं और न आईं सवारियां...कानपुर का बस स्टॉप फांक रहा धूल, नगर निगम से विवाद के चलते योजना धड़ाम

स्मार्ट सिटी की ओर से बनाए गए बस स्टॉप बेमतलब

आज तक न बसें रुकीं और न आईं सवारियां...कानपुर का बस स्टॉप फांक रहा धूल, नगर निगम से विवाद के चलते योजना धड़ाम

कानपुर, अमृत विचार। जुलाई 2023 तक शहर में दो करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुये 30 स्मार्ट बस स्टॉप पर आज तक एक भी बस नहीं रुकी और न ही इस बस स्टॉप पर खड़े होकर किसी सवारी ने बस का इंतजार किया। लगभग एक वर्ष से यह बस स्टॉप बेमतलब पड़े हैं। बनी 50 फीसदी से ऊपर दुकानें भी नहीं उठ सकी हैं। नगर निगम के फुटपाथ पर बने स्मार्ट सिटी के बस स्टॉप को लेकर महापौर पहले भी सवाल उठा चुकी हैं। करोड़ों खर्च कर बनाए गए बस स्टॉप धूल फांक रहे हैं।    

शहर में पीपीपी मॉडल के तहत पहले चरण में 21 स्मार्ट बस स्टॉप बनाए गये वहीं, दूसरे चरण में 9 और बस स्टॉप बनाए गए। इसका मकसद ई-बसों को जगह-जगह रुकवाने की जगह निर्धारित स्थान पर ही रोकना था। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बस स्टॉप जुलाई 2023 में बना दिए गये। लेकिन, एक बस स्टॉप को प्रॉपर शुरू नहीं किया गया। 

स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार बस स्टॉप पर एलईडी बोर्ड लगने थे, जिसमें कौन सी बस कब आ रही है और कितनी देर में आएगी इसका डिस्प्ले किया जाना था। लेकिन, आज तक योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। 

यहां बने हैं बस स्टॉप 

घंटाघर, टाटमिल, किदवई नगर, यशोदा नगर, रामादेवी, जाजमऊ, फजलगंज, विजयनगर, पनकी पड़ाव, गोल चौराहा, मोतीझील, गुरुदेव और आईआईटी चौराहे पर।

यहां दो बस स्टॉप 

घंटाघर, टाटमिल, किदवई नगर, रामदेवी, फजलगंज, विजयनगर, गोल चौराहा, आईआईटी चौराहा, आर्य नगर।

स्टॉप पर ही ई-बसें रुकने का दावा हवा-हवाई

इनके बनने के बाद तय हुआ था कि ई-बसें इन्हीं स्टॉपेज पर ही रुकेंगी, जहां पर सवारी उतर और बसों का इंतजार कर सकती हैं। लेकिन बस स्टॉप बनने के बाद भी ई-बसें कहीं भी रुक जाती हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। सवारियों को भी बसों की सवारी करने में दिक्कतें आती हैं। 

सौर ऊर्जा से संचालित होना था बस स्टॉप

ई-बस स्टॉप सौर ऊर्जा से संचालित होना था। जहां बैठने से लेकर पीने के पानी की व्यवस्था के लिये अलग शॉप भी बनाई गई। लेकिन, यह दुकानें अधिकतर बस स्टॉप पर खुली नहीं हैं। दुकान के एवज में ज्यादा पैसे मांगने और नगर निगम महापौर प्रमिला पांडेय की आपत्ति के बाद दुकानों को उठाया नहीं जा सका है। महापौर का कहना है कि बस स्टॉप नगर निगम के फुटपाथ पर बने हैं तो स्मार्ट सिटी कैसे पैसा वसूल सकता है। बता दें कि बस स्टॉप चौराहे से सौ मीटर की दूरी पर बनाए गए हैं। यहां लगने वाले विज्ञापन से स्मार्ट सिटी आय कर रहा है।

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