भारत-चीन टकराव के मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने पर सहमत

भारत-चीन टकराव के मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने पर सहमत

नई दिल्ली। भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले पांच महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए बातचीत के जरिये सैनिकों को पीछे हटाने सहित टकराव के सभी मुद्दों का जल्द से जल्द सर्वसम्मत समाधान खोजने पर सहमति जतायी है। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच …

नई दिल्ली। भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले पांच महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए बातचीत के जरिये सैनिकों को पीछे हटाने सहित टकराव के सभी मुद्दों का जल्द से जल्द सर्वसम्मत समाधान खोजने पर सहमति जतायी है। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को सातवें दौर की बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि दोनों सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और मैत्रीपूर्ण माहौल बनायेंगे तथा मतभेदों को विवादों में नहीं बदलने देंगे।

भारतीय सीमा के चुशूल क्षेत्र में शुरू हुई बैठक में सेना का प्रतिनिधित्व 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया। उनके साथ लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन भी थे जिन्होंने आज ही इस कोर के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली है। इन दोनों के साथ विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी भी बातचीत के दौरान मौजूद थे।  दोनों पक्षों के बीच गत 21 सितम्बर को हुई छठे दौर की बातचीत में भी ले. जनरल सिंह तथा विदेश मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे।

वक्तव्य में कहा गया है कि भारत और चीन दोनों ने ही इस बात पर सहमति जतायी है कि वे सैनिकों को पीछे हटाने के मुद्दे का जल्द से जल्द सर्वसम्मत समाधान निकालने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर संवाद तथा संपर्क बनाये रखेंगे। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि वे दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण समझ पर आधारित बातों को लागू करेंगे, मतभेदों को विवादों में नहीं बदलने देंगे और सीमा पर शांति तथा मैत्रीपूर्ण माहौल के लिए मिलकर काम करेंगे।

उल्लेखनीय है कि मई में चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिशों के कारण दोनों पक्षों के बीच पिछले पांच महीने से सैन्य गतिरोध बना हुआ है। इसी दौरान दोनों ओर के सैनिकों के बीच गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प भी हुई जिसमें भारत के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गये। चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक हताहत हुए हालांकि उसने सार्वजनिक रूप से कभी यह स्वीकार नहीं किया। इस झड़प के बाद सीमा पर बढ़े तनाव को कम करने के लिए सैन्य , राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है। दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच भी बातचीत हुई है।

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