अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस: चार लाख पौधों का घर बना रूमा मियावाकी पार्क, कानपुर नगर निगम ने शहरवासियों को दिया उपहार

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस: चार लाख पौधों का घर बना रूमा मियावाकी पार्क, कानपुर नगर निगम ने शहरवासियों को दिया उपहार

कानपुर, अमृत विचार। अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर गुरुवार को शहर को एक नया मियावाकी पार्क देने की ओर नगर निगम ने कदम बढ़ा दिये। रूमा स्थित नगर निगम की जगह पर उद्यान विभाग ने 4,06,934 पौधों का रोपण कर दिया है। अब अगले दो वर्षों में यह पार्क एक मिनी फॉरेस्ट के रूप में दिखेगा। जो शहर में ग्रीन क्षेत्र में इजाफा करने के साथ ही वातावरण को भी शुद्ध करने में मदद करेगा। इसके साथ ही यह पार्क शहर में वर्षा को भी बढ़ाने में सहायक होगा। 

मानव और पृथ्वी के अस्तित्व में वनों और पेड़ों के महत्व के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है। इसे विश्व वन दिवस के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष 2024 की थीम भी 'वन और नवाचार' है। वर्ष 2020 तक कानपुर नगर देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में गिना जाता था। 

लेकिन, नगर निगम ने पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषित शहर में जंगल तैयार करने की प्रक्रिया को धरातल पर उतारा है। कानपुर नगर वर्तमान में चार मिनी फॉरेस्ट तैयार किया जा चुका है तथा सात अन्य स्थलों पर मिनी फॉरेस्ट तैयार करने की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जा रहा है, जो अगले दो वर्ष में तैयार भी हो जाएंगे। इसी कड़ी में कानपुर नगर निगम ने रूमा में मियावाकी पद्धति से 4,06,934 पौधों का रोपण किया है। 

नगर निगम उद्यान अधीक्षक डॉ. वीके सिंह ने बताया कि विश्व वन दिवस 2024 के शुभ अवसर पर कानपुर नगर निगम द्वारा विभिन्न प्रजातियों के पौधों से वृहद वृक्षारोपण कर शहर को एक नया वन प्रदान करने की ओर कदम बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि यह जानकार शहर को हर्ष होगा कि मार्च 2024 में आए आकड़े के अनुसार कानपुर नगर का नाम देश के 20 प्रदूषित शहरों में नहीं है। इसकी वजह नगर निगम की ओर से किये जा रहे निरंतर प्रयास हैं।

मियावाकी पद्धति से यह पार्क 

इस तकनीक से सराय मीता अखाड़ा पार्क के सामने, गुप्तार घाट में, रत्न शुक्ल इंटर कॉलेज में, विजयनगर ट्रैफिक चिल्ड्रन पार्क में, अंबेडकर पार्क पनकी में, ट्रैफिक पार्क विजयनगर में, शनेश्वर मंदिर की ग्रीन बेल्ट में, शेखपुरा के जाना गांव में पार्क बनाए गए हैं।

यह पेड़ लगाए जाते हैं

अर्जुन, शीशम, गोल्ड मोहर ,पिलखान ,जामुन शहतूत, मेहंदी ,अशोक, पीपल, चंपा आदि के पौधे लगाए जाते हैं। यह पौधे एक खास तकनीक के तहत लगाए जाते हैं जिससे यह तेजी से बढ़ते हैं।

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