सक्षम प्राधिकारी से लिखित अनुरोध द्वारा त्यागपत्र वापस लेना संभव :हाई कोर्ट 

सक्षम प्राधिकारी से लिखित अनुरोध द्वारा त्यागपत्र वापस लेना संभव :हाई कोर्ट 

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बकाया वेतन भुगतान के एक मामले में विचार करते हुए कहा कि कर्मचारी ने वास्तव में अपने इस्तीफा की तारीख से काम नहीं किया है, इसलिए वह पिछले वेतन का केवल 25 फीसदी ही पाने की हकदार हो सकती है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की पीठ ने पूर्णिमा सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, एटा के आक्षेपित आदेश को निरस्त करते हुए याची को चार सप्ताह के भीतर जूनियर बेसिक स्कूल मिर्जापुर, आवागढ़, एटा में सहायक अध्यापक के पद पर सेवा में पुनः लेने का निर्देश दिया। इसके साथ ही देय वेतन का भुगतान करने का भी आदेश दिया। 

हालांकि विभाग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची उक्त स्कूल में काम करने की इच्छुक नहीं थी, जहां उसे तैनाती मिली थी। इसलिए उसने स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे विधिवत स्वीकार भी कर लिया गया था। इस दृष्टि से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश मनमाना या गैर कानूनी नहीं माना जा सकता है। जबकि याची के अधिवक्ता ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक त्यागपत्र नियमावली, 2000 के नियम सात का हवाला देते हुए कहा कि एक सरकारी सेवक अपना त्यागपत्र स्वीकार करने से पहले नियुक्ति प्राधिकारी को लिखित रूप से अनुरोध करके अपना त्यागपत्र वापस ले सकता है। याची द्वारा इसी प्रक्रिया का पालन किया गया है, जिसे सही मानते हुए कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली।

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