Bareilly News: लकवाग्रस्त थे फिर भी भाग रहे थे और सांड के सामने आ गए, मौत पर पुलिस का गजब तर्क

Bareilly News: लकवाग्रस्त थे फिर भी भाग रहे थे और सांड के सामने आ गए, मौत पर पुलिस का गजब तर्क

सांकेतिक फोटो

बरेली, अमृत विचार: करीब दस दिन पहले शाही इलाके के सिहौर गांव में सांड के हमले में बुजुर्ग जागनलाल की मौत के बाद डीएम के आदेश पर ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ दर्ज हुए केस को पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिया है। हैरतअंगेज कारण यह बताया गया है कि जागनलाल लकवाग्रस्त थे लेकिन फिर भी भाग रहे थे और खुद सांड के सामने आ गए थे। वैसे, असल कारण यह बताया जा रहा था कि यह केस दर्ज होने के बाद जिले भर के प्रधानों और सचिवों ने जोरदार विरोध किया था और हड़ताल तक की धमकी दे दी थी।

सिहौर में रहने वाले 65 वर्षीय जागनलाल पिछले शनिवार को धूप सेंक रहे थे। इसी दौरान रास्ते पर निकले सांड ने अचानक उन पर हमला कर दिया जिसमें उनकी मौत हो गई थी। घटना के अगले ही दिन जागनलाल के बेटे रामआसरे, देवेंद्र पाल, प्रदीप कुमार ने एडीओ पंचायत राजीव शर्मा से शिकायत की थी जिसके बाद डीएम के आदेश पर एडीओ ने ग्राम प्रधान मीना देवी और सचिव श्रीपाल गंगवार पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करा दिया था।

यह केस दर्ज होने के बाद जिले भर के प्रधान और सचिव बुरी तरह भड़क गए थे। उन्होंने विकास भवन में धरना देकर जमकर नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी थी कि अगर केस फौरन वापस न लिया गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। डीडीओ और डीपीआरओ के जल्द केस वापस लेने का आश्वासन देने पर धरना खत्म हुआ। अब पुलिस ने केस में जागनलाल के बेटों के एक बयान के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। लेकिन इसमें फाइनल रिपोर्ट लगाने का हास्यास्पद कारण बताया गया है।

पुलिस के अनुसार जागनलाल के बेटों ने पत्र दिया है कि उनके पिता लकवा पीड़ित थे और भागते समय सांड के सामने आने से घायल होकर उनकी मौत हो गई। इस घटना में प्रधान और सचिव दोषी नहीं हैं। विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट में वादी और गवाहों के बयान के साथ घटनास्थल की जांच और जागनलाल के बेटों के प्रार्थना पत्र के आधार पर साक्ष्यों का अभाव होने का तर्क दिया है। हालांकि यह सवाल भी छोड़ दिया है कि जागनलाल लकवाग्रस्त होने के बावजूद भाग कैसे रहे थे।

जिंदा रह गया सवाल, प्रधान और सचिव पर क्यों दर्ज हुई रिपोर्ट
पुलिस के फाइनल रिपोर्ट लगाने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि ग्राम प्रधान और सचिव पर रिपोर्ट गांव में सांड के घूमने पर दर्ज कराई गई थी या सांड के जागनलाल पर हमला करने पर। अगर सांड के गांव में घूमने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी तो केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने का यह आधार कैसे बनता है कि जागनलाल खुद सांड से टकराए या उसने उन पर हमला किया। और अगर सांड के हमले में मौत पर दर्ज कराई गई थी तो यह कैसे हो सकता था कि आवारा घूमते सांड को काबू में रखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और सचिव की थी।

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