लखनऊ: राजधानी में पीएचसी का हाल बेहाल!, कहीं लटका दिखा ताला तो कहीं डॉक्टर नदारद, मरीज जाएं तो जाएं कहां?

लोगों को पीएचसी पर नहीं मिल रहा इलाज, निगरानी न होने से की जा रही मनमानी

लखनऊ: राजधानी में पीएचसी का हाल बेहाल!, कहीं लटका दिखा ताला तो कहीं डॉक्टर नदारद, मरीज जाएं तो जाएं कहां?

चार बजे तक खुलने का समय लेकिन दो बजे से पहले ही बंद हो जा रहे पीएचसी

पंकज द्विवेदी, लखनऊ। मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) खोले गए हैं। अब यह अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गए है। निगरानी न होने से केंद्रों पर डॉक्टरों की मनमानी मरीजों को भारी पड़ रही है। इन केंद्रों पर न तो समय से डॉक्टर आते हैं और न ही मरीजों को दवाएं मिल पाती हैं। ज्यादातर केंद्रों पर ताले लटक रहे है तो कुछ जगह सिर्फ दिखावे भर के लिए केंद्र खोले जा रहे हैं।

शहरी केंद्रों को खोलने का समय सुबह 9 से शाम चार बजे तक और ग्रामीण के सुबह 10 से शाम चार बजे तक का हैं, लेकिन ज्यादातर केंद्र दो बजे से पहले ही बंद हो जा रहे हैं। इससे इलाज के लिए मरीजों को परेशान होकर निजी चिकित्सकों के पास जाने को मजबूर होना पड़ता है।

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आरोप है कि इन केंद्रों पर तैनात डॉक्टर विभागीय सेटिंग के चलते महीने में एक दो बार आकर अपनी हाजिरी जरूर लगा देते हैं। इसको लेकर 'अमृत विचार' की टीम ने शुक्रवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के कई केंद्रों का निरीक्षण किया तो कई तरह की अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं। पेश है एक रिपोर्ट...

पीएचसी आदिल नगर : समय 12 :50 बजे

एक महिला फार्मासिस्ट व एक अन्य व्यक्ति जो खुद को डॉकटर बता रहा था। दोनों खुले मैदान में धूप सेंक रहे थे। उसी समय दो मरीज आए एक मरीज ने कमर में दर्द व दूसरे ने खांसी की शिकायत की। खुद को डॉकटर बताने वाले व्यक्ति ने दोनों मरीजों का स्वस्थ्य परीक्षण करने के बजाय महिला कर्मचारी को मरीजों  का नाम नोट कर दवा देने का फरमान सुना दिया।

पूछने पर बताया गया कि पीएचसी खुलने का समय सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक है। इस बीच समय को लेकर डिप्टी सीएमओ डॉ. आरएन सिंह से जब उससे बात कराई गई तो उसने उनसे भी इसी समय का हवाला दिया। जिस पर डिप्टी सीएमओ ने फोन पर ही कर्मचारी को फटकार लगाई। 

पीएचसी, जानकीपुरम : समय 1 :50 बजे 

यहां पर एक डॉक्टर मौजूद मिला, हालांकि खांसी के मरीज को कफ सीरप नहीं दे सका। पूछने पर बताया कि सीरप का स्टॉक खत्म हो गया है। बाजार से खरीदना होगा। हलांकि पीएचसी खुलने का समय उसने सुबह 9 बजे से दोपहर दो बजे तक ही बताया।

पीएचसी, कहला, मलिहाबाद, समय : 2:45 बजे

मौके पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। लैब टेक्नीशियन श्याम मौके पर मिला। जानकारी करने पर उसने कहा कि डॉक्टर कुछ देर पहले ही निकले हैं। वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि डॉक्टर अक्सर गायब रहते हैं। कर्मचारी दवा बांटते हैं। रोजाना दो बजे के पहले ही केंद्र को बंद कर दिया जाता है।

पीएचसी रहीमाबाद, समय 3:10 बजे

केंद्र पर ताला लटक रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर दानिश नाम के डॉक्टर की तैनाती है। रोजाना दो बजे से पहले ही केंद्र बंद हो जाता है। मजबूरन लोगों को निजी क्लीनिक जाना पड़ता है।

पीएचसी कसमण्डी कला, समय 3:28 बजे

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यहां ताला लगा मिला। जानकारी करने पर पता चला कि यहां किसी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है।फार्मासिस्ट संजय शर्मा मरीजों को देखते हैं। अक्सर उनकी ड्यूटी भी सीएचसी पर रहती है। इससे मरीजों को भटकना पड़ता है।

यहां मलका दाई संभाले है पीएचसी

मोहनलालगंज :  सिसेंडी पीएचसी में 12 :40 बजे सिर्फ एक महिला सफाई कर्मचारी मलका मौजूद मिली। उन्होंने बताया कि डॉक्टर दिवाकर यहां के हेड है। यहां दो फार्मासिस्ट है एक दुर्गा सिंह तीन माह से छुट्टी पर है दूसरे राजेश सिंह है जो अभी कुछ देर पहले कही गए है। वही हेड डॉक्टर दिवाकर भरद्वाज भी कुछ देर पहले निकल गए। जबकि अस्पताल की टाइमिंग 10 बजे से चार बजे तक है।

कायाकल्प अवॉर्ड सम्मानित phc एक साल से फार्मासिस्ट के सहारे चल रही

खुजौली पीएचसी में करीब एक साल पहले डॉक्टर सलीम की पोस्टिंग हुई थी। सूत्रों की माने तो पोस्टिंग के बाद एक भी दिन डॉक्टर सलीम यहां नहीं आए। कर्मचारी वीके सिंह ने बताया यहां फार्मासिस्ट आनंद कुशवाहा की वजह से अस्पताल चल रहा है जबकि यह कायाकल्प अवॉर्ड से सम्मानित पीएचसी है औऱ यहां सफाई कर्मचारी न होने के बावजूद अस्पताल में साफ सफाई बेहतर है। सफाई इन लोगो के द्वारा ही की जाती है। इस दौरान दोनों पीएचसी में कोई भी मरीज मौके पर नही मिला।

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समय को लेकर एक बार फिर से स्पष्ठ आदेश जारी कर दिया जाएगा। जहां पर लापरवाही की शिकायत है। उनके विरुद्ध नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा। जो समय निर्धारित है उसी समय पर केंद्र खुलेंगे और बंद होंगे।

                                                                                                                             डॉ. मनोज अग्रवाल, सीएमओ

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