Ayodhya Ram Mandir: गली-गली अयोध्या, घर-घर में राम; शहर में दिखी दीपावली-सी सजावट... रात में जमकर हुई आतिशबाजी....
प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर कानपुर की प्रत्येक गली अयोध्या की तरह सजी हुई मिली।

अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर में विराजमान होने की खुशी में कानपुर शहर ने नई इबारत लिख दी। पहली बार ऐसा रहा कि गली-गली मानो अयोध्या बन गई हो और घर-घर राम पधारे हों।
कानपुर, अमृत विचार। अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर में विराजमान होने की खुशी में शहर ने नई इबारत लिख दी। पहली बार ऐसा रहा कि गली-गली मानो अयोध्या बन गई हो और घर-घर राम पधारे हों। शहर में श्रीराम की ऐसी धूम इससे पहले नहीं देखी गई। राम मंदिर आंदोलन में जरूर सड़कों पर भीड़ थी पर उस समय आक्रोश था और इस बार उत्साह, उमंग- आनंद का सागर हिलोरे मार रहा था।
क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, जवान, महिलाएं सब रामरस का पान कर रहे थे। भवनों पर राम ध्वजा लहरा रही थी तो मन में एक ही गीत गूंज रहा था... मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे, राम आएंगे। घरों-मंदिरों में रामचरित मानस, रामायण के पाठ हो रहे थे। हर 10 कदम पर भंडारे चल रहे थे। जोरदार साउंड पर राम के गीत बज रहे थे। धनाड्य वर्ग हो या वंचित, सब अपने-अपने राम को अपनी-अपनी तरह भज रहे थे, चारों ओर भजन बज रहे थे। सुबह से केसरिया रंग में डूबा शहर रात को आतिशबाजी से सतरंगी हो गया। सब ओर दीये जल उठे और उत्साह पटाखों के शोर के रूप में फूट पड़ा।
लगा जैसे प्रभु राम वनवास के बाद घर लौट रहे हों। हर गली अयोध्या की तर्ज पर उनका स्वागत करने को आतुर थी। रामलला के आगमन का उद्घोष सबसे पहले भोरपहर मंदिरों से हुआ। भोर में अभिषेक के साथ ही प्रभुराम का गुणगान शुरू हुआ। आनंदेश्वर मंदिर, पनकी हनुमान मंदिर, जंगलीदेवी मंदिर, शास्त्री नगर काली मठिया, रामलला मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भव्य आयोजन हुए। मंदिर में दर्शन करने के बाद भक्तों ने प्रभातफेरियां निकालीं। राम की माया थी कि 15 दिन से सर्दी के आगोश में समाया शहर सूरज निकलने से खिल उठा।
तेज धूप ने कमरों में दुबके लोगों को भी बाहर आने को मजबूर कर दिया। ‘जय श्रीराम’, ‘एक ही नारा एक ही नाम, जयश्री राम-जय श्रीराम’ व ‘तीनों लोक चारों धाम, जय-श्रीराम’ जैसे उद्घोष के बीच प्रभात फेरियों ने माहौल बनाया। स्वरूप नगर, शास्त्री नगर, किदवई नगर, पनकी, गोविंद नगर सहित अन्य इलाकों में प्रभात फेरियों का चाय पिलाकर स्वागत किया गया। आज सूर्य देव भी मेहरबान थे।
दोपहर तक प्रभुराम की भक्ति पूरे शहर में करंट की तरह दौड़ी। ऐसा लग रहा था जैसे भक्तों पर वीर हनुमान का बल समा गया है। यात्राओं के जरिए शहर को मथा गया। अग्रसेन भवन, कलक्टरगंज, पनकी, कल्याणपुर सहित अन्य इलाकों में यात्राओं के जरिए प्रभु के आगमन का उत्साह जताया गया। जगह-जगह लगी बड़ी स्क्रीन के सामने लोग जुटने लगे। अयोध्या में हो रहे आयोजन को यादगार बनाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर भी बड़ी-छोटी स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी।
यह स्क्रीन चौराहों, मंदिरों, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, पार्क सहित अन्य स्थानों पर लगाई गई। सुबह 10 बजे के बाद से रामलहर शहर की गली-गली में हिलोर मारने लगी। हर छोटा-बड़ा मंदिर चमक रहा था, रामगीतों के बीच कहीं भजन कहीं भंडारा चल रहा था। किसी गली चले जाओ, बस राम का नाम और जयकारे। शाम होते ही शहर में दीपावली जैसा उत्साह रहा। घरों में दीपक जलाकर प्रभु के विराजमान होने की खुशी जताई गई। आतिशबाजी इस कदर हुई कि आसमान सतरंगी हो गया।
लाखें दीये जल उठे
प्रभु के आगमन पर शहर में लाखों दीये जलाए गए। रामलला मंदिर में 11 हजार दीये जलाए गए। इसी तरह पनकी मंदिर में 2100, जंगलीदेवी मंदिर में 5100, सिद्धनाथ मंदिर में 5100 दीये दमक उठे। अपार्टमेंट और सोसाइटी में भी 11 व 21 हजार दीयों को सजाकर माहौल को भव्य किया गया। गोविंद नगर, स्वरूप नगर, आर्यनगर, नवाबगंज, विष्णु पुरी के अपार्टमेंट दीयों से जगमगा गए।
गुरुद्वारे भी हुए रौशन
शहर के गुरुद्वारे भी रोशनी से जगमगा गए। गुमटी गुरुद्वारा, गोविंद नगर गुरुद्वारा व चौक गुरुद्वारा की सजावट देखते ही बन रही थी। इसी तरह सिंधी समाज ने पीरोड झूलेलाल मंदिर, दबौली, बर्रा व सिंघी कॉलोनी सहित अन्य मंदिरों को सजाकर सामूहिक पाठ किया।
भंडारों की रही धूम
शहरवासियों ने दिल खोलकर भंडारे किए। बिरहाना रोड, चौक, कलक्टरगंज, सिविल लाइंस, चुन्नीगंज, गोविंद नगर, पनकी, गंगागंज, रतनपुर, सुजानपुर, रावतपुर, लालबंगला, 80 फिट रोड, जवाहर नगर, नेहरूनगर, रतनलाल नगर, सीटीआई, बर्रा सहित अन्य इलाकों में भंडारों का आयोजन किया गया।
संकीर्तन में भी प्रभु राम
शहर में भक्तों की ओर से लगभग 5 हजार प्रभु राम संकीर्तन आयोजित हुए। छोटे-बड़े मंदिर, सोसाइटी, बाजार, घरों से राम धुन के स्वर सजते रहे। दादा नगर, नवाबगंज, ग्वालटोली, यशोदा नगर, बाबू पुरवा, रेल बाजार सहित अन्य स्थानों में बड़े संकीर्तन आयोजित हुए।
सुंदरकांड का पाठ
शारदानगर स्थित श्रीशारदेश्वर महादेव मंदिर में बाबा शिव का अभिषेक करके भक्तों ने सुंदरकांड का पाठ किया। भंडारे में सभी ने प्रसाद चखा। सूर्यास्त के बाद मंदिर को दीपों से रोशन करने के साथ आतिशबाजी की गई।