पीलीभीत; सर्दी में ओपीडी से बच रहे मरीज, टेली मेडिसिन को बना रहे इलाज का सहारा

पीलीभीत; सर्दी में ओपीडी से बच रहे मरीज, टेली मेडिसिन को बना रहे इलाज का सहारा

फोटो- आरोग्य मंदिर पर मरीज की ऑनलाइन डॉक्टर से परामर्श कराते सीएचओ दीपेंद्र सिंह।

पीलीभीत, अमृत विचार: मेडिकल कॉलेज में  शुरु की गई टेलीमेडिसिन सेवा मरीजों के लिए भीषण ठंड में वरदान साबित हो रही है। जिसका मरीज लाभ उठा रहे हैं। जहां सर्दी के मौसम में मेडिकल कॉलेज में ऑफलाइन ओपीडी में गिरावट देखने को मिल रही थी। वहीं टेलीमेडिसिन पर मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।

टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीज डॉक्टरों से वार्ता कर अपनी बीमारी का इलाज ही नहीं जांचें भी लिखवा रहे  हैं। जिन्हें कराने के बाद डॉक्टर ऑनलाइन ही मरीज को दवा भी लिख रहे हैं। नौ माह में मेडिकल कॉलेज में टेलीमेडिसिन के माध्यम से 11895 मरीजों ने इलाज कराया है।

बता दें कि मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण के दौरान औपचारिकता के तौर पर इस सेवा को शुरु किया गया था। ताकि लोगों को घर बैठे इलाज मिल सके। इस सुविधा का फायदा देखते हुए उसे लगातार जारी रखा गया। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ई-संजीवनी एप के माध्यम से मरीजों को घर बैठे इलाज की सुविधा देना शुरू किया गया।

एप में पंजीकृत होने के बाद मरीज को अस्पताल जाकर ओपीडी की लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं थी। ई-संजीवनी ओपीडी के बाद से मरीजों का रुझान भी इसकी तरफ बढ़ने लगा है। इसके चलते ही रोजाना जिले से कम से कम 50 से 80 मरीज ई-संजीवनी एप के माध्यम से डॉक्टरों को अपनी बीमारी बताकर स्वास्थ्य संबंधी परामर्श ले रहे हैं।

इसमें सामान्य रोगियों के साथ ही गर्भवती भी शामिल हैं, जो अपना रुटीन चेकअप भी करा रही हैं। सर्दी का प्रकोप बढ़ने के बाद अब अधिकांश मरीज टेलीमेडिसिन पर ही निर्भर हो गए हैं। आलम यह है कि सर्दी में ओपीडी में लगातार गिरावट आ रही है।

मेडिकल कॉलेज की ओपीडी 1000 से गिरकर 500 के आसपास रह गई है। जबकि टेलीमेडिसिन में प्रतिदिन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से करीब प्रतिदिन 100 - 230 कॉल आ रही है। जो ऑनलाइन पोर्टल पर ही मरीजों का इलाज के लिए होते  हैं।  

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की वजह से बढ़ रही प्रगति
जिले के 173 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं, जहां सामान्य मरीजों का इलाज सीएचओ करते है। गांव क्षेत्र में कुछ ऐसे मरीज भी होते हैं, जिनको गंभीर बीमारी होती है, लेकिन वह अस्पताल नहीं जा सकते हैं। ऐसे मरीजों को सीएचओ अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से बात कराते है। डॉक्टर मरीजों का मर्ज समझने के बाद उनको दवाएं लिखते हैं, जो दवाएं सेंटर पर होती हैं उनको वहीं पर दें दी जाती हैं, लेकिन जो नहीं होती है वह बाहर से लेनी होती हैं।

अब भारत-आयुष्मान आरोग्य मंदिर से होगी पहचान
शासन की ओर से संचालित किए गए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। शासन ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नाम में परिवर्तन किया है। अब इन सेंटरों की पहचान भारत- आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से होगी। जिले के इन सेंटरों को लेकर प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पत्र जारी किया है।

जिसमें कहा गया है कि जिले में संचालित हो रहे 173 आरोग्य मंदिरों के सापेक्ष अभी तक 135 केंद्रों पर ही विद्युत कनेक्शन की व्यवस्था की गई है। शेष 38 में भी बिजली की व्यवस्था अभी तक चालू नहीं हो सकी है। जिस वजह से उनका संचालन बेहतर ढंग से नहीं हो पा रहा है।इसलिए अन्य जगह सभी बिजली कनेक्शन करने के निर्देश दिए हैं।

ऑफलाइन ओपीडी के अलावा अब ऑनलाइन ओपीडी का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। प्रत्येक केंद्र से रोजाना दस से 20 कॉल आ रही है। जिसमें सर्दी, खांसी, जुकाम, निमोनिया, फंगल इंफेकशन आदि के मरीज का इलाज चल रहा है--- डॉ. आलोक कुमार सीएमओ।

यह भी पढ़ें- पीलीभीत: राम जन्मभूमि आंदोलन... राम ज्योति पहुंचते ही पड़ गई दबिश, चकमा देकर निकल गए थे बांकेलाल

ताजा समाचार

राहुल गांधी ने की पहलगाम हमले की निंदा, बोले आतंक के खिलाफ एकजुट पूरा देश, हालात सामान्य होने के खोखले दावों के बजाय जवाबदेही लेते हुए सरकार उठाए ठोस कदम 
Pahalgam Attack LIVE: उतारी पैंट, पूछे नाम... फिर बरसाई गोलियां, सामने आई आतंकवादी की पहली फोटो, देखें पहलगाम हमले की 10 बड़ी अपडेट
23 अप्रैल का इतिहासः आज के दिन ही Supreme Court ने विधवाओं को दिया बराबरी का अधिकार
Pahalgam Attack LIVE: एक्शन में पीएम मोदी, कहा- आतंकवादियों को देंगे करारा जवाब, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री के साथ की बैठक
कन्नौज में पत्नी से विवाद के बाद सिपाही ने निगला जहरीला पदार्थ, भर्ती: पत्नी, साढू समेत इन पर भी मारपीट का लगाया आरोप
प्रयागराज : जीएसटी अधिनियम के प्रावधानों का पालन न करने पर राज्य जीएसटी अधिकारी पर लगाया जुर्माना