रामपुर : शीत लहर चलने से लुढ़का पारा, सूर्यदेव के नहीं हुए दर्शन...सर्दी से कंपकपाते रहे लोग
सुबह से नहीं हुए सूर्यदेव के दर्शन, कंपकपाते रहे लोग, बाजारों में ग्राहक नहीं पहुंचने के कारण रात को बाजार जल्दी हुए बंद

रामपुर, अमृत विचार। शीत लहर चलने के बाद पारा लुढ़क गया, जिसके कारण लोगों को जीना दुश्वार हो गया। सुबह से सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए और लोग सर्दी से कंपकपाते रहे। सर्दी बढ़ने के कारण बाजारों में ग्राहक नहीं पहुंचने के कारण शाम ढले ही बाजार बंद हो रहे हैं। लोगों ने जगह-जगह अलाव जलाए गए और लोगों ने सर्दी से बचने का जतन किया।
कोहरा कम रहा लेकिन शीतलहर चलने से लोगों की कंपकपी बंधी रही। गलन बढ़ने से पारा भी लुढ़क कर 6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। कड़ाके की सर्दी के चलते जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. डीके वर्मा का कहना है कि बुजुर्ग और बच्चों की सेहत के लिए खतरा बन सकती है। जनवरी का महीना शुरू होते ही सर्दी के तेवर तल्ख हो रहे हैं। रात को शीत लहर चलने के कारण शाम ढले ही बाजारों में सन्नाटा पसर गया। सुबह को कोहरा नहीं था लेकिन, सूर्यदेव के दर्शन भी नहीं हुए। गलन बढ़ने से लोगों को सर्दी का अहसास ज्यादा हुआ और कंपकपी लगी रही। लोगों ने जगह-जगह अलाव जलाकर सर्दी से बचने का जतन किया। जिला अस्पताल के फिजीशियन ने कहा कि सर्दी में बुजुर्ग, ह्दय रोगी मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप और अस्थमा के रोगी सर्दी से अपना बचाव करें।
यह बरतें सावधानी
- सर्दी में गीले कपड़े बिल्कुल नहीं पहनें।
- सर्दी ज्यादा लगने पर तुरंत अलाव या अंगीठी पर बैठकर शरीर को गरमाहट दें।
- मफलर, टोपा और मोजे जरूर पहनें।
- गर्म खाना खाएं और गर्म पानी पिएं।
- शरीर को ठंडा होने से बचाएं और गरम रखें।
सर्दी के मौसम में फसलों को पाला लग सकता है। इसके लिए जरूरी है किसान फसलों में हल्की सिंचाई कर दें। ताकि, फसलों को झुलसा रोग से बचाया जा सके। तापमान कम होने होने पौधों की टहनियों में पानी जमने का खतरा बना रहता है। - डा. लक्ष्मीकांत, कृषि वैज्ञानिक
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