सजा माफी पर बड़ा फैसला

सजा माफी पर बड़ा फैसला

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में गुजरात सरकार पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को रद कर दिया और दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल भेजने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि न्यायपालिका कानून के शासन की संरक्षक और एक लोकतांत्रिक राज्य का केंद्रीय स्तंभ है। कानून के शासन का मतलब केवल कुछ ‘भाग्यशाली’ लोगों की सुरक्षा करना नहीं है। ध्यान रहे हत्या व बलात्कार के इस मामले में 11 दोषियों को छूट देकर रिहा करने के फैसले पर काफी विवाद हुआ था और इसे पीड़िता सहित अन्य ने अदालत में चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि सजा माफी के मुद्दे पर गुजरात सरकार ने 10 अगस्त 2022 को जो फैसला किया, वह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। पीठ ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई महाराष्ट्र की अदालत में हुई थी, इसलिए सजा माफी पर फैसला लेना वहां की सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। 

सरकार को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा गुजरात सरकार का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया। आज के फैसले को बिलकिस बानो की बड़ी जीत बताया जा रहा है। इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि इस निर्णय ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है।

इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि बिलकिस बानो ने अपने लिए इंसाफ़ की लड़ाई लड़ी। सवाल है कि बलात्कारियों को किसने छुड़ाया था। तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने फैसले को साहसिक बताया है।

गौरतलब है कि घटना के वक्त बिलकिस बानो 21 साल की थी और पांच माह की गर्भवती थी। बानो से गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद 2002 में भड़के दंगों के दौरान दुष्कर्म किया गया था। दंगों में मारे गए उनके परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी। बिलकिस बानो और उनके समर्थकों ने न्याय के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। अब सुप्रीम फैसले के बाद 11 दोषियों को फिर से जेल जाना होगा। हालांकि अभी उनके पास कई कानूनी विकल्प मौजदू हैं।