सुलतानपुर: तिरहुत स्टेट के राजा कुंवर मुकेश सिंह की अर्जी को तहसीलदार ने किया खारिज, जानें क्या है मामला?

सुलतानपुर: तिरहुत स्टेट के राजा कुंवर मुकेश सिंह की अर्जी को तहसीलदार ने किया खारिज, जानें क्या है मामला?

सुलतानपुर। बल्दीराय तहसील क्षेत्र के तिरहुत स्टेट राजघराने में सुबल सिंह के नाम हुई वरासत को तिरहुत स्टेट के राजा कुंवर मुकेश सिंह आदि की अर्जी को न्यायालय नायब तहसीलदार बल्दीराय ने खारिज कर दिया है। लंबे समय से तिरहुत स्टेट राजघराने की जंग राज घराने की विरासत को लेकर चली आ रही है। यह आरोप है कि जायजाद के मलिकाना हक को साबित करने के लिए सुबल सिंह ने हल्का लेखपाल से मिलकर एक वरासत चढ़वा ली थी।

जानकारी होने के बाद तिरहुत राजघराने के कुंवर मुकेश सिंह ने वरासत का चैलेंज किया। तत्कालीन कानूनगो ओपी तिवारी ने वरासत को लिपिकीय त्रुटि बता कर इसे विवादित कर दिया। जानकारी होने पर नायब तहसीलदार के न्यायालय में कुंवर मुकेश सिंह व राय भानु प्रताप सिंह ने वरासत में अपनी आपत्ति जताई। जिसे न्यायालय नायब तहसीलदार बल्दीराय ने मुकेश सिंह आदि के दिए गए प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर मृतक जगदंबा बक्श सिंह की वरासत के वाद को चकबंदी न्यायालय मुसाफिरखाना के न्यायालय में पूर्व से ही विचाराधीन मुकदमा होने के कारण राजस्व निरीक्षक भवानीगढ़ द्वारा मृतक जगदम्बा बक्श सिंह के वरासत के संबंध में पारित आदेश व स्थगन को निरस्त कर दिया।

कुंवर मुकेश सिंह के अधिवक्ता पवन दूबे, मनोज सिंह, राय भानु प्रताप सिंह के अधिवक्ता अनिल यादव व सुबल सिंह के अधिवक्ता ध्रुव राज पांडेय के तर्कों को सुनकर नायब तहसीलदार बल्दीराय ने फैसला सुनाया। तिरहुत स्टेट के राजा कुंवर मुकेश सिंह ने बताया कि हमारे पास रजिस्टर्ड वसीयत है। वसीयत के आधार पर हम वारिस हैं। नायब तहसीलदार बल्दीराय गुलाब सिंह ने बताया कि वाद की कार्रवाई अवेट की गई है। मृतक की वरासत के बावत चकबंदी न्यायालय में गतिमान वाद में चाराजोई (मुकदमा) कर अपना अनुतोष प्राप्त करें।

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