रायबरेली में अब AIIMS तक होगा नगर पालिका का दायरा, एक लाख आबादी को मिलेंगी शहरी सुविधाएं

नगर पालिका परिषद से सीमा विस्तार की कवायद शुरू, 13 गांवों को शामिल करने की तैयारी

रायबरेली में अब AIIMS तक होगा नगर पालिका का दायरा, एक लाख आबादी को मिलेंगी शहरी सुविधाएं

दिलीप सिंह/ रायबरेली, अमृत विचार। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स को जल्द ही शहरी क्षेत्र में शामिल कर लिया जाएगा। इसके साथ ही शहर से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को अब नगर क्षेत्र की सुविधाओं से लैस करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए शहर का सीमा विस्तार किया जाएगा। नगर पालिका परिषद सीमा विस्तार को लेकर पूरा खाका प्रस्ताव तैयार करने के साथ ही गांव भी चिन्हित कर लिए गए हैं।  जल्द ही सर्वे समेत तमाम प्रक्रिया को पूरा करके जल्द शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो करीब एक लाख आबादी को शहरी सुविधाएं मिलने लगेगी। साथ ही नगर पालिका को आर्थिक दृष्टिकोण से फायदेमंद साबित होगा।

मौजूदा समय में रायबरेली शहर 50.17 वर्ग किमी में फैला हुआ है। इसमें करीब दो लाख 25 हजार आबादी रहती है। नगर क्षेत्र की आबादी अब बाहर की ओर सटे इलाकों की ओर रूख करने लगी है। ऐसे में पालिका की ओर से उन क्षेत्रों को भी सीमा विस्तार करके शामिल करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है कि सीमा विस्तार में कौन-कौन इलाके शामिल किए जाने हैं। पालिका की ओर से तैयार प्रस्ताव को जल्द शासन को भेज दिया जाएगा। यदि सीमा विस्तार होता है तो अपना शहर करीब 80 वर्ग किमी में फैल जाएगा।

पहले 20 गांवों का बनाया गया था प्रस्ताव
पूर्व में भी तत्कालीन पालिका अध्यक्ष द्वारा ऐसा खाका तैयार किया गया था। इसमें करीब 20 गांवों को शहर में जोड़ने का प्रस्ताव था। इसमें कुछ पूरा क्षेत्र तो कुछ आंशिक क्षेत्र को शामिल किया जाना था। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। इस बार कटौती करते हुए डिडौली, गढ़ीखास, गढ़ीमुतबल्ली, जहानपुर कोडर, सुल्तानपुर आइमा, दरियापुर, मधुपूरी, बिबियापुर समेत 13 गांवों को शामिल करने की तैयारी है।

पिछली बार शासन ने लौटा दी थी फाइल
नगर पालिका के तत्कालीन पालिकाध्यक्ष मो. इलियास के समय में भी शहर के सीमा क्षेत्र के विस्तार की कवायद शुरू की गई थी। पूरा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया था। शासन ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था कि इससे पालिका को लाभ नहीं, बल्कि नुकसान होगा। जरूरी है कि पालिका क्षेत्र में पहले से शुरू की योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करे। हाउस टैक्स समेत अन्य टैक्स समय से जमा कराएं। इसके बाद ही इस पर विचार किया जा सकता है। इसके बाद पूर्णिमा श्रीवास्तव के कार्यकाल में भी प्रस्ताव बनाया गया, लेकिन सफल नहीं हो सका।

अध्यक्ष बोले
नगर क्षेत्र के सीमा विस्तार की तैयारी चल रही है। सर्वे कराया जा रहा है। एम्स के साथ डलमऊ, प्रयागराज, लखनऊ, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ रोड से जुड़े करीब 13 गांवों को शामिल करने के लिए चिन्हित किया गया है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद सीमा विस्तार होगा या नहीं, इसका निर्णय शासन को करना है। यदि सीमा विस्तार होता है तो शहर से सटे गांवों में रहने वाले नागरिकों को भी बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी।
शत्रोहन सोनकर, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, रायबरेली
 
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