Kanpur dog attack : खूंखार कुत्ते का फिर हमला, नहीं लगी वैक्सीन

बिधनू / कानपुर, अमृत विचार। खेरसा और इसके आसपास के दर्जन भर गांवों में खूंखार कुत्ते का आतंक थम नहीं रहा है। बुधवार को फिर काले कुत्ते ने चार लोगों पर हमला कर जख्मी कर दिया। खास बात यह है कि इन चारो लोगों को एंटी रैबीज की वैक्सीन नहीं लग सकी। सीएचसी प्रभारी का कहना है कि एक वायल में पांच लोगों की डोज होती है। पांच लोग होने पर ही वायल खोली जाती है, अन्यथा खराब होने का डर है।
बिधनू क्षेत्र में पांच दिन से खूंखार काले कुत्ते का आतंक जारी है। इसके साथ ही क्षेत्र के आवारा कुत्ते भी हमलावर हो गए हैं। पांच दिन में कुत्तों के हमले का शिकार होकर 105 लोग बिधनू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंच चुके हैं। हालत यह है कि सुबह होते ही बिधनू सीएचसी में वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है। यह सिलसिला पिछले पांच दिन से लगातार चल रहा है।
बुधवार को फिर खूंखार कुत्ते ने हमला कर चार लोगों को जख्मी कर दिया। बिधनू के अजय गुप्ता, कठुई की रानी देनी और खेरसा के दो लोग कुत्ते के हमले से जख्मी होकर वैक्सीन लगवाने के लिए बिधनू सीएचसी पहुंचे, लेकिन इन्हें वैक्सीन नहीं लग सकी। सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ.नीरज सचान का कहना है कि एंटी रैबीज वैक्सीन के वायल में पांच लोगों को डोज होती है। एक साथ पांच लोग आने पर ही वायल खोली जाती है। वायल खुलने के बाद खराब होने का डर रहता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आज वापस किया गया है, उन्हें दुबारा अस्पताल बुलाया गया है।
पागल कुत्ते को पकड़े जाने का छोड़ा सुर्रा
पांच दिन से आतंक का पर्याय बने खूंखार काले कुत्ते को पकड़े जाने का सुर्रा छोड़ दिया गया। बिधनू थानाध्यक्ष प्रेमचंद्र कनौजिया ने भी पहले कुत्ते को पकड़े जाने की बात बताई, लेकिन जब कुत्ते की फोटो मांगी गई तो उन्होंने सिरे से पल्लू झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि मंगलवार को खेरसा के ग्राम प्रधान ने उन्हें कुत्ता पकड़े जाने की जानकारी दी थी। कुत्ता पकड़ा गया या नहीं? इस बारे में अधिकारिक रूप से वह कुछ नहीं कह सकते। उनका कहना है कि कुत्ते को पकड़ने की जिम्मेदारी वन विभाग या नगर निगम की है। उन्होंने अपने स्तर से वन विभाग को पत्र लिखा है, गुरुवार को फिर वन विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे।
डीएम के निर्देश पर पहुंची थी निगम की टीम
जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने भी कुत्ते के आतंक का संज्ञान लिया है। उन्होंने कुत्ते को पकड़ने के लिए बिधनू बीडीओ को जरूरी कदम उठाने के निर्देश देने के साथ मंगलवार को नगर निगम की डॉग कैचर टीम भेजी थी। नगर निगम की टीम खेरसा से दलेलपुर तक गई, लेकिन कुत्ते को नहीं खोज पाई और खाली हाथ लौट आई थी। बुधवार को कोई टीम नहीं पहुंची। एडीओ (पंचायत) सुरेश चंद्र निगम का कहना है कि डीएम के निर्देश पर कुत्ते को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। बुधवार को भी नजर रखी गई, लेकिन कुत्ता अभी तक हाथ नहीं लगा है।
एसीपी बोले, हमारी नहीं वन विभाग की जिम्मेदारी
कुत्ते के हमले से दहशतजदा खेरसा गांव के लोग बिधनू थाने पहुंचकर सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन घाटमपुर एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला का कहना है कि कुत्ते को पकड़ने की जिम्मेदारी पुलिस की नहीं, बल्कि वन विभाग और ग्राम पंचायत की है। अगर कुत्ता नहीं पकड़ा जा रहा है तो इसकी कतई पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में वह गुरुवार को खंड विकास अधिकारी से बात करेंगे।
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