यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षा: फर्जी परीक्षकों की नियुक्ति रोकने को होगी स्क्रीनिंग, DIOS ने बनाया यह प्लान

अयोध्या। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षा में फर्जी परीक्षकों की नियुक्ति रोकने के लिए बोर्ड ने स्क्रीनिंग कराने का फैसला किया है। इसे लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से माध्यमिक विद्यालयों से विषयवार शिक्षकों की सूची मांगी गई है।
जिले में 26 राजकीय तथा 50 समेत कुल 461 माध्यमिक विद्यालय हैं। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षा 2024 का दूसरा चरण जिले में दो फरवरी से नौ फरवरी तक होगा। इंटरमीडिएट विज्ञान विषय में प्रयोगात्मक परीक्षा 30 अंक की होती है। कुछ विषयों में प्रयोगात्मक परीक्षा 50 अंक की होती है।
विषय नहीं पढ़ाने वाले शिक्षकों के प्रयोगात्मक परीक्षक नियुक्त होने के आरोप लगते रहते हैं। प्रयोगात्मक परीक्षा में नंबर आवंटन में पक्षपात करने को लेकर शिकायत भी शासन स्तर तक पहुंचती हैं। इस पर बोर्ड ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षकों की योग्यता और पढ़ाए जाने वाले विषयों की स्क्रीनिंग कराने का फैसला लिया है। शिक्षकों की योग्यता, पढ़ाए जाने वाले विषय, शिक्षण अनुभव आदि विवरण बोर्ड की वेबसाइट पर अंकित हैं।
प्रयोगात्मक परीक्षाओं से पहले होगी स्क्रीनिंग
प्रयोगात्मक परीक्षा शुरू होने के पहले जिले के माध्यमिक शिक्षकों की योग्यता और शिक्षण विषयों की स्क्रीनिंग होनी है। जिले के समस्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को विद्यालयों में तैनात विषयवार शिक्षकों की सूची डीआईओएस कार्यालय में भेजी जानी है। प्रधानाचार्यों से आई विषयवार सूची का बोर्ड की तरफ से भेजी गई सूची से मिलान होगा। इसी के बाद बोर्ड की ओर से जारी की अनुमोदित परीक्षकों की सूची जारी की जाएगी जो प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे।
बोर्ड की ओर यह नया आदेश प्राप्त हुआ है। इसके अनुपालन में कालेजों से विषयवार शिक्षकों की सूची मांग ली गई है। प्रयोगात्मक परीक्षा पारदर्शिता के साथ होगी।
- डॉ. राजेश कुमार आर्या, जिला विद्यालय निरीक्षक, अयोध्या
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