रंग लाई SCERT की मेहनत, UP के डायट "सेंटर आफ एक्सीलेंस" के रूप में होगे विकसित, ये होंगी सुविधायें

अमृत विचार लखनऊ : राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रवशिक्षण परिषद की पहल से केन्द्र सरकार ने यूपी के 13 डायटों को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने के लिए बजट की स्वीकृति दे दी है। प्रथम चरण में 13 डायटों के विकास के लिए बजट की स्वीकृति हुई है। अब 2023-24 में 13 डायट्स को विकसित किया जायेंगे। इस बारे में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से जानकारी देते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ पवन सचान ने बताया कि 103 करोड़ 53 लाख 96 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। पहली बार इस तरह से डायट संस्थानों में सुधार होने जा रहा है। बता दें कि देश का यूपी पहला राज्य होगा जो अपने डायट संस्थानों को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित कर अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण पेश करेगा।
लखनऊ सहित ये जनपद शामिल
13 डायट संस्थानों में वाराणसी, जौनपुर, मेरठ, अलीगढ़, लखनऊ, मुरादाबाद, गोरखपुर, कानपुर देहात, बाराबंकी, कुशीनगर, आगरा, प्रयागराज एवं मुजफ्फरनगर के हैं। दरअसल डायटों को सेंटर आफ एक्सीलेंस को विकसित करने के वाले प्रोजेक्ट को लेकर अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार अध्यक्षता हुई थी। इस बैठक में स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ पवन कुमार सचान राज्य की आवश्यकताओं को साझा किया। वहीं एससीईआरटी की ओर से से प्रशासनिक अधिकारी पुष्पा रंजन, डा. महेन्द्र द्विवेदी, डा. शुभ्रांशु उपाध्याय, यूनीसेफ और शुभांकर पॉल व अशुमान इस बैठक में प्रतिभाग किया था।
ये भी पढ़े:- यूपी में सरकारी स्कूलों के बच्चों को कला और संगीत शिक्षा से जोड़ने के लिए एससीईआरटी पहली बार खास पहल
सभी जिलों लिए है तैयारी
डॉ सचान ने बताया कि मौजूदा समय में प्रदेश 70 जिला में शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) का संचालन किया जाता है। 13 डायट विकसित होने के बाद अन्य सभी डायटों को भी सेंटर आफ एक्सीलेंस' के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके अंतर्गत प्रत्येक वर्ष कुछ जनपदों के डायट को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिसका उपयोग संस्थानों में भौतिक अवस्थापनाओं एवं सुविधाओं के लिए किया जाना है। इसके अंतर्गत ऑडीटोरियम, शैक्षिक एवं प्रशासनिक ब्लॉक, समृद्ध पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास, फर्नीचर, हॉस्टल आदि का निर्माण एवं समृद्धिकरण किया जाना है। सुदृढ भौतिक अवस्थापनाओं एवं सुविधाओं का उपयोग संस्थान को शिक्षक-शिक्षा (सेवापूर्व एवं सेवाकालीन) एवं अनुसंधान के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में विकास करने के लिए किया जाएगा। एससीईआरटी का पूरा बल डायट्स स्तर पर शिक्षण प्रक्रिया को गतिविधि आधारित बनाना, प्रशिक्षुओं को नवाचारयुक्त अधिगम के अवसर प्रदान करना, पुस्तकालय एवं लैब का उपयोग सुनिश्चित करना है।

2022 में शुरू हुई थी तैयारी, अब मिली सफलता
एससीईआरटी में निदेशक पद पर रहते हुए निदेशक रहते हुए डा. पवन कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2022 से ही डायट्स को सेंटर ऑफ एक्सेलेंस बनाने की दिशा में कार्य शुरू किया गया था। इसके अंतर्गत एससीईआरटी द्वारा कई पहल किए गए हैं जिसमें डायट को शोध एवं नवाचार के उत्कृष्ट संस्थान के रूप में विकसित करने हेतु यूनीसेफ के सहयोग से डायट्स के प्रवक्ताओं को शोध में प्रशिक्षण हेतु एमएस बडौदा विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है।
कोर्स के उपरांत ये प्रवक्ता अपने डायट व जनपद के लिए सामयिक एवं आवश्यक शोध प्रस्ताव तैयार करेंगे तथा इसे क्रियान्वित भी करेंगे। इसके साथ ही चयनित डायट्स की ओर से अपने संस्थान को 'सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने हेतु 'रोडमैप का विकास' भी किया जा रहा है। इस रोडमैप में लघु अवधि, मध्यम अवधि एवं दीर्घ अवधि के लिए कार्ययोजना विकसित की जाएगी।
ये भी पढ़े:- विज्ञान विषय में सुधरेगी शैक्षिक गुणवत्ता, लखनऊ डायट पर 410 शिक्षकों को मिला प्रशिक्षण