निर्वाचन आयोग को पांच राज्यों के चुनावों में कई बार कसनी पड़ी नकेल, 2000 करोड़ रुपये से अधिक जब्त

निर्वाचन आयोग को पांच राज्यों के चुनावों में कई बार कसनी पड़ी नकेल, 2000 करोड़ रुपये से अधिक जब्त

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सभी पार्टियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए कई मौकों पर सख्ती बरती। अधिकारियों ने इस दौरान मुफ्त में बांटी जाने वाली बहुत सी चीजें, ड्रग, नकदी और शराब जब्त की जिनकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है तथा इनका इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जाना था। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में सात नवंबर और 17 नवंबर को मतदान हुआ था।

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मध्य प्रदेश में 17 नवंबर, राजस्थान में 25 नवंबर और तेलंगाना को 30 नवंबर को वोट डाले गए थे। मिजोरम में सात नवंबर को मतदान हुआ था। इन सभी राज्यों में मतगणना तीन दिसंबर को होगी। स्थानीय चुनाव मशीनरी की शिकायतों और सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने कई प्रमुख नेताओं को कारण बताओ नोटिस और सलाह जारी की कि वे आचार संहिता के प्रावधानों का पालन करें।

तेलंगाना के वित्त मंत्री हरीश राव द्वारा ‘रायथु बंधु’ योजना के तहत किस्त जारी करने के बारे में घोषणा किए जाने को आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। आयोग ने प्रदेश में रबी फसलों के लिए किसानों को वित्तीय सहायता के वितरण के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अनुमति वापस ले ली।

निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को कुछ शर्तों के आधार पर आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान रबी फसलों के लिए किस्त का भुगतान करने की मंजूरी दे दी थी। आयोग ने सरकार से पांच दिसंबर तक इन पांच राज्यों में योजनाओं और पहल पर अपने व्यापक संपर्क कार्यक्रम, प्रस्तावित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को रोकने के लिए भी कहा था।

सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने तक यात्रा चुनाव वाले राज्यों को कवर नहीं करेगी। प्रतिद्वंद्वी दलों की शिकायतों के आधार पर आयोग ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रमुख तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को नोटिस जारी किया।

बाद में उन्हें एक परामर्श जारी किया गया और आदर्श आचार संहिता का अक्षरश: पालन करने को कहा गया। हाल में चुनाव आयोग ने तेलंगाना के अखबारों में अपनी उपलब्धियों का प्रचार करने वाले विज्ञापनों पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। कर्नाटक के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए उससे पूर्व मंजूरी नहीं ली, जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।

चुनाव आयोग के अनुसार, मिजोरम, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव अवधि के दौरान 2000 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई जो 2018 विधानसभा चुनावों की तुलना में सात गुना अधिक थी। आयोग ने कहा कि पहली बार इस्तेमाल की गई चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली ने प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय की सुविधा प्रदान की।

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