सोनिया गांधी ने कहा- मल्लिकार्जुन खरगे पर विश्वास, ‘भारत की आत्मा’ की लड़ाई में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए हैं सबसे योग्य 

सोनिया गांधी ने कहा- मल्लिकार्जुन खरगे पर विश्वास, ‘भारत की आत्मा’ की लड़ाई में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए हैं सबसे योग्य 

नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि एक मजबूत संगठनात्मक नेता के रूप में मल्लिकार्जुन खरगे पर हमे विश्वास है तथा ‘भारत की आत्मा’ के लिए जारी लड़ाई में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए वह सबसे योग्य व्यक्ति हैं।

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उन्होंने खरगे पर लिखी गई पुस्तक ‘मल्लिकार्जुन खरगे: पॉलिटकल इंग्जेमेंट विथ कैम्पैशन, जस्टिस एंड इन्क्लूसिव डेवलपमेंट’ के विमोचन के मौके पर यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं और सिद्धांतों को नष्ट कर रही है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने वर्तमान अध्यक्ष खरगे के लंबे राजनीतिक जीवन और संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आज वह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं।

सत्ता में बैठे लोग संवैधानिक और संस्थागत मूल्यों से बेपरवाह हैं तथा उन सभी संस्थानों, व्यवस्थाओं और सिद्धांतों को नष्ट कर रहे हैं जिनके द्वारा भारत आजादी के बाद से फला-फूला है।’’ जवाहर भवन में आयोजित कार्यक्रम में सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘एक मजबूत संगठनात्मक नेता के रूप में खरगे जी पर हमे विश्वास है। मल्लिकार्जुन खरगे भारत की आत्मा के लिए इस ऐतिहासिक लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे योग्य हैं। इसमें उन्हें मेरा और कांग्रेस पार्टी का दृढ़ समर्थन प्राप्त है।’’

सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘राजनीति में 50 साल एक लंबी अवधि होती है। खरगे जी अपने पूरे राजनीतिक जीवन में लगातार ऊंचाइयां छूते रहे। उन्होंने एक बार भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। वह एक बार भी गरीबों के हित से दूर नहीं गए और एक बार भी राजनीतिक लड़ाई जीतने के लिए सम्मान और आचरण से समझौता नहीं किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए, आज खरगे जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में मजबूती से खड़े हैं। उनका शानदार जीवन और कार्य उन मूल्यों का उदाहरण है जिन्हें आधुनिक भारत के संस्थापकों और शिल्पकारों ने अपनाया था... उन्होंने अपनी लंबी यात्रा में कई प्रतिकूल परिस्थतियों को पार किया है।’’ सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘जब भारत आज़ाद हुआ तो हम दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक थे।

साक्षरता 16 प्रतिशत थी 80 प्रतिशत से अधिक लोग गरीब थे और हमारे पास लगभग कोई औद्योगिक आधार नहीं था। लेकिन हम कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में भारी बाधाओं को पार करते हुए कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े। ऐसा स्वतंत्रता संग्राम में पार्टी के लंबे अनुभव, उसके बलिदान, उसकी विचारधारा और उसकी अदम्य भावना के कारण संभव हुआ।’’ उन्होंने कहा कि यही वह पार्टी है जिसने खरगे जी को एक नेता रूप में तैयार किया है।

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने खरगे के बचपन में सांप्रदायिक हिंसा में उनके परिवार के कई सदस्यों के मारे जाने की घटना का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ छोटी सी उम्र में सांप्रदायिकता और भेदभाव का सामना करने के बावजूद उन्होंने जानबूझकर धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी बनना चुना। गरीबी और भेदभाव का सामना करते हुए उन्होंने साहसपूर्वक सभी प्राणियों के प्रति करुणा को अपनाया।’’

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा तथा कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा, शिक्षाविद सुखदेव थोराट तथा कई अन्य लोग मौजूद थे। येचुरी ने खरगे की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘आप सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता हैं।

आपके ऊपर जिम्मेदारी है कि आप हम सबसे बात करेंगे और इसे (इंडिया गठबंधन) को आगे लेकर जाएं।’’ मनोज झा ने कहा, ‘‘खरगे जी, जब राज्यसभा में खड़े होते हैं तो विपक्ष को ताकत मिलती है और आज विपक्ष को ताकत की बहुत जरूरत है।’’

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