तेलंगाना चुनाव : CM चंद्रशेखर राव की वजह से क्यों चर्चा में आई कमारेड्डी सीट? जानें वजह
हैदराबाद। तेलंगाना की कमारेड्डी सीट मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की उम्मीदवारी से पहले सुर्खियों में नहीं थी लेकिन अब सबकी नजरें इस सीट पर हैं जहां से मुख्यमंत्री राव चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ए.रेवंत रेड्डी से है। हैदराबाद से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित कमारेड्डी सीट, अगस्त में राव के यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद चर्चा में आई।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को कड़ी टक्कर देने के लिए तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को उतारने का फैसला किया जो मुख्यमंत्री के मुखर आलोचक माने जाते हैं। राव ने कमारेड्डी के अलावा अपनी पारंपरिक सीट गजवेल से भी नामांकन दाखिल किया है जहां से वह दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं। रेवंत रेड्डी कोडांगल सीट से भी विधानसभा में पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जिसका वह पूर्व में विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। रेड्डी ने पिछले सप्ताह जब कमारेड्डी से नामांकन पत्र दाखिल किया तब उनके सहयोगी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया उनके साथ थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के.वेंकट रमण रेड्डी का उतना प्रभाव नहीं दिखता। चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से विधान पार्षद (एमएलसी) और उनके चुनाव प्रचार में शामिल सेरी सुभाष रेड्डी का कहना है कि मुख्यमंत्री को कमारेड्डी से शानदान समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘के. चंद्रशेखर राव के नामांकन के वक्त आयोजित जनसभा में जिस से तरह से उन्हें लोगों का समर्थन मिला, वह कमारेड्डी के इतिहास में कभी नहीं देखने को मिला था। जनसभा में 70- 80 हजार लोग शामिल थे और उन्होंने केसीआर की बातों को गौर से सुना।’’
सुभाष रेड्डी ने दावा किया कि रेवंत रेड्डी, कमारेड्डी से चुनाव केवल यह दिखाने के लिए लड़ रहे हैं कि वह कांग्रेस के बड़े नेता हैं लेकिन उनका मुख्यमंत्री के साथ कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने रेखांकित किया कि कमारेड्डी में सिंचाई की सुविधा और बीड़ी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा देना आदि कुछ वादे लोगों से किए जा रहे हैं। राव ने नौ नवंबर को नामांकन दाखिल किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के निवर्तमान बीआरएस विधायक गम्पा गोवर्धन और अन्य नेताओं ने उनसे इस सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह किया। गम्पा गोवर्धन 1994 से पांच बार कमारेड्डी का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
गोवर्धन ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मोहम्मद अली शब्बीर को हराया था जो राज्य में मंत्री और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। राव ने इस निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित जनसभा में कहा कि कालेश्वरम परियोजना का लंबित काम तेजी से किया जाएगा और कमारेड्डी एवं इससे सटे येल्लारेड्डी निर्वाचन क्षेत्र में जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि राज्य के एक लाख बीड़ी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जाएगी। इस निर्वाचन क्षेत्र में बीड़ी मजदूरों की बड़ी संख्या रहती है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और रेवंत रेड्डी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। रेवंत रेड्डी ने जानना चाहा कि मुख्यमंत्री कमारेड्डी से क्यों चुनाव लड़ रहे हैं जब उन्होंने गजवेल में ‘प्रगति और विकास सुनिश्चित किया है। ’
नामांकन पत्र दाखिल करने के मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने चंद्रशेखर राव पर आरोप लगाया कि वह कमारेड्डी से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि उनकी ‘‘नजर कमारेड्डी और इसके आसपास की जमीनों’ पर है। कमारेड्डी पहले निजामाबाद जिले का हिस्सा था जिसे बीआरएस सरकार ने अलग कर नया जिला बनाया । अविभाजित निजामाबाद जिले के लोगों का मुख्य पेशा खेती है और धान, मक्का,ज्वार, हल्दी, गन्ना और अन्य फसलें यहां बोई जाती हैं। एक सबसे चर्चित मुद्दा कमारेड्डी का मास्टर प्लान है जो शहर के विकास के लिए घोषित किया गया है। हालांकि, इस योजना को किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
निजामाबाद के वरिष्ठ पत्रकार पी राम मोहन ने बताया कि इलाके के कई लोग रोजगार की तलाश में खाड़ी देश जाते थे लेकिन उन देशों में अवसरों की कमी के मद्देनजर इस चलन में कमी आई है और बेरोजगारी राज्य में मुख्य समस्या है। कमारेड्डी में कुल 2,45,822 मतदाता पंजीकृत हैं जिनमें 1,18,718 पुरुष और 1,27,080 महिलाएं शामिल हैं। तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा की 119 सीटों के लिए मतदान होगा और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।
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