बारूद के ढेर में बैठीं यमुना नगर की कई बस्तियां, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, प्रशासन बेखबर!

बारूद के ढेर में बैठीं यमुना नगर की कई बस्तियां, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, प्रशासन बेखबर!

प्रयागराज। दीपावली के आते ही आठ साल पहले हुए धमाके की गूंज कानों में गूंजने लगती है। ईश्वर ना करें कि सब्जी मंडी जैसा हादसा फिर से हो। लेकिन बेपरवाह प्रशासन की लापरवाही से फिर से घटनाओ को दावत दे रही है। यमुना नगर के कुछ इलाको में घरों के अंदर बनाये जा रहे बड़े विस्फोटक पटाखो पर पुलिस और प्रशासन की नजर नहीं पड़ रही है। 

बता दें कि यमुनानगर के कुछ ऐसे मोहल्ले है जहां दीपावली के पहले घरों के अंदर भारी मात्रा में विस्फोटक पढ़ार्थ रखकर पटाखो का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसकी जानकाती स्थानीय पुलिस, प्रशासन सबको जानकारी है। लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की जाती है। घरों के अंदर भारी मात्रा में बारूद और अन्य विस्फोटक पदार्थ रखा जता है और कारीगरो ही पटाखे तैयार कराये जाते है। 

नैनी सब्जी मण्डी में हुआ था धमाका

सन 2015 में सब्जी मंडी के एक मकान में हुए बम धमाके से पूरा नैनी क्षेत्र दहल उठा था लेकिन उसे घटना के बाद से प्रयागराज प्रशासन और नैनी पुलिस ने कोई कठोर कदम नहीं जिसकी, जिसकी वजह से आज भी नैनी में बड़े पटाखा व्यापारी अवैध तरीके से घर के अंदर भारी मात्रा में बारूद रखकर पटाखा बनाने का कारोबार कर रहे हैं। इस धमाके में तीन लोगो की मौत और आठ लोग मलबे में दब गये थे। 

बता दें कि शहर के यमुनानगर नैनी के कसाई मोहल्ले चौखट ही और दुबे तालाब इलाके में पटाखों का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जाता है। यहां घरों के अंदर भारी मात्रा में बारूद रखकर बड़े पटाखे कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं और बाजारों में सेल की जाती है दीपावली के पहले से ही यह कारोबार चोरी छुपे शुरू किया जाता है।

दीपावली पर पटाखे की दुकान खोलने के लिए कलेक्ट्रेट में पहले से आवेदन शुरू हो जाते हैं। जो केवल तीन दिनों के लिए दिए जाते हैं अस्थाई आवेदन 3 दिन के लिए होता है जिसकी स्वीकृति डीएम एसडीएम करते हैं। इस बार शहर में लगभग दो सौ और अन्य इलाको में भी दो सौ के आस पास दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। यह केवल तीन दिनों के लिए है। 

 इको फ्रेंडली फुलझडियां की धूम

संगम नगरी के अभी एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में ही पटाखों के थोक विक्रेताओं की दुकानें सजी हैं। यहीं से फुटकर पटाखा विक्रेता अपनी दुकानों के लिए पटाखे खरीद रहे हैं। थोक बाजार की दुकानों में इको फ्रेंडली फुलझडियां लोगों को खूब पसंद आ रही हैं।

दिवाली के मौके पर कानफोड़ू पटाखों के बजाय इस बार भी ईको फ्रेंडली पटाखे धूम मचाने को तैयार हैं। शहर का पटाखा बाजार तरह-तरह की आतिशबाजी के साथ तैयार हो गया है। खास बात यह है कि इन पटाखों की पैकिंग में संबंधित कंपनियों द्वारा क्यूआर कोड भी दिया गया है, ताकि ग्राहक खुद भी इस बात की तसदीक कर सकें कि पटाखा इको फ्रेंडली है। बाजार में आसमानी फैंसी आइटम की भरमार है।

इस बार बड़े पटाखों को बजाने और बेचने पर प्रतिबंद लगाया गया है। इको फ्रेंडली पटाखो से लोग दीपावली का पर्व मनाएंगे। किसी प्रकार की कोई शिकायत मिलने पर दुकानदारो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

                                                                                                    दीपक भूखर, डीसीपी, नगर

यह भी पढ़ें: अयोध्या में भीषण सड़क हादसा: सवारियों से भरी स्लीपर बस पलटी, कई यात्री घायल