Mahoba में भ्रष्टाचार का अजब-गजब मामला आया सामने, एक पल्सर बाइक बन गई ट्रैक्टर ट्रॉली, DM ने दिए जांच के आदेश

महोबा में एक पल्सर बाइक को ट्रैक्टर ट्रॉली बन गई।

Mahoba में भ्रष्टाचार का अजब-गजब मामला आया सामने, एक पल्सर बाइक बन गई ट्रैक्टर ट्रॉली, DM ने दिए जांच के आदेश

महोबा में एक पल्सर बाइक को ट्रैक्टर ट्रॉली बन गई। ढो डाली 185 चक्कर मिट्टी की ट्रॉली। अधिकारियों ने आंख बंद करके मिट्टी ढुलाई का भुगतान कर दिया।

महोबा, अमृत विचार। जिले में अधिकारियों की लापरवाही की हद हो गई। हालत यही कि पल्सर बाइक का नंबर दिखाकर एक ट्रैक्टर ट्राली से 185 चक्कर ट्रॉली मिट्टी दो डाली। इतना ही नहीं विभाग से भुगतान भी कर दिया गया। मामला सुर्खियों में आने पर डीएम ने जांच और कार्यवाही के आदेश दिए हैं। जिससे अधिकारियों के हाथपांव फूल गए।

मालूम हो कि एक पल्सर बाइक ट्रैक्टर में बदलकर मिट्टी ढुलाई का न केवल काम करती बल्कि इस पर सरकारी खजाने से भुगतान भी कर दिया गया। हैरत में डालने वाला यह मामला महोबा जनपद का है। इस मामले के उजागर होने से भ्रष्टाचार की परतें खुलने का दरबाधिकारियों को सताने लगा है।

मामला उजागर होने से अधिकारी सकते में हैं। एक बाइक ने ट्राली फंसाकर 185 चक्कर मिट्टी ही डाल दी जिसका भुगतान भी विभाग ने कर दिया है। यह जानकर सभी हैरत में पड़ गए, लेकिन यह सच्चाई तब उजागर हुई जब एक आरटीआई में बाइक के नंबर पर मिट्टी ढोने का 46250 का भुगतान कर दिया गया। इस मामले की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता ने जिला अधिकारी से की जिस पर डीएम ने सख्ती दिखाते हुए जांच और कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं।

भ्रष्टाचार करने का यह अजीबोगरीब मामला जनपद के नगर पंचायत कुलपहाड़ का है। नगर पंचायत कुलपहाड़ में भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया तो धरातल पर हो रहे विकास की पोल खुल गई। तलाब सिल्ट सफाई के मामले में जिम्मेदारों ने आपसी सांठ गांठ कर कैसे सरकारी बजट गटक लिया इसका खुलासा होने पर समूचा प्रशासन सकते में है।

हालांकि मामला संज्ञान में आते ही जिला अधिकारी मृदुल चौधरी ने तत्काल जांच कर कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं। सरकारी कार्यदाई संस्थाएं इस बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने के लिए अधिकृत हैं और क्या इन संस्थाओं के संचालन व्यवस्था के  लिए कथित जिम्मेदारों पर कोई अंकुश रहा ही नहीं। एक जनसूचना के जरिए प्रकाश में आया भ्रष्टाचार का यह अजीबो गरीब मामला असल में फकत एक बानगी है।

नगर पालिका हों या नगर पंचायत या फिर ग्राम सभाएं कमोवेश सभी की सभी कागज की बाजीगरी में खासे निपुण हैं। कुलपहाड़ नगर पंचायत ने बाकी सभी को पीछे छोड़ दिया। कच्चे कामों में मेजरमेंट की गुगली, चक्करों के नाम पर खेल और मजदूरों की हाजरी में हेर फेर कर कोई नया नहीं लेकिन यहां तो मामला ही पूरा जुदा है।

भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को पार कर चुके इस मामले में जिम्मेदारों ने मोटर साइकिल से 185 चक्कर मिट्टी की ढुलाई कर डाली। इतना ही नहीं ढुलाई के साथ साथ 250 रुपए प्रति चक्कर के हिसाब से 46250 रुपयों का भुगतान भी हो गया। जब से ये मामला प्रकाश में आया है अधिकारियों के होश फाख्ता हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता नवल किशोर द्वारा मांगी गई आरटीआई के जवाब में यह बड़ा खुलासा हुआ है। तालाब सफाई में ढुलाई में लगे ट्रैक्टर नंबर अप 95 M 0507 से 185 चक्कर मिट्टी ढोने और फिर उसका भुगतान होने का जिक्र है जबकि उक्त नंबर का कोई ट्रैक्टर नहीं है बल्कि इस नंबर की एक पल्सर बाइक है। यह भ्रष्टाचार एक बानगी है यदि ऐसे ही तमाम सरकारी कार्यों के भुगतान की बारीकी से जांच की जाए और भी बड़े मामले सामने आ सकते हैं। इस मामले में जिला अधिकारी ने तत्काल जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए हैं।

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